इस साल की जुलाई पिछले 135 सालों में सबसे गर्म जुलाई रही है. इससे पहले 1998 में जुलाई का महीना सबसे गर्म जुलाई के तौर पर दर्ज था. दुनिया भर में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण के कारण ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ी हुई मात्रा को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है.
जुलाई का औसत तापमान 0.81 डिग्री ज्यादा
अमेरिकी मौसम एजेंसी नोआ (NOAA) के मुताबिक, इस साल जुलाई के महीने का औसत तापमान 16.61 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो 20वीं शताब्दी में जुलाई के औसत तापमान के मुकाबले 0.81 डिग्री सेल्सियस अधिक है.
समुद्र के पानी का औसत तापमान भी बढ़ा
नोआ के आकंड़ों के मुताबिक, जुलाई के महीने में जमीन का तापमान 20वीं शताब्दी के मुकाबले 0.96 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा है. वहीं समुद्र के पानी का तापमान सामान्य के मुकाबले 0.75 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. समुद्र के पानी का औसत तापमान बढ़ने की वजह प्रशांत महासागर और हिंद महासागर की रिकॉर्ड तोड़ गर्मी है.
भारत के मानसून पर पड़ा बुरा असर
दुनिया भर में जुलाई के महीने में पड़ी जबरदस्त गर्मी का असर भारत के मानसून पर देखा गया. जानकारों के मुताबिक इस बार जिस तरह की मूसलाधार बारिश देखी गई, वो इस बात का सबूत है कि जलवायु परिवर्तन आने वाले दिनों में और भयानक बदलाव लाएगा.
2015 सबसे गर्म साल के तौर पर रिकॉर्ड
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि इस बार दुनिया भर में जिस तरह से तापमान बढ़े हुए नजर आ रहे हैं, उससे यह बात सही होती हुई दिख रही है कि पिछले 135 सालों में 2015 सबसे गर्म साल के तौर पर रिकॉर्ड होने जा रहा है.