साउथ अमेरिकी देश बोलीविया (Bolivia) में एक 11 वर्षीय लड़की के प्रेग्नेंट (Pregnant) होने के बाद उसके अबॉर्शन (Abortion) पर बहस छिड़ गई है. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने जहां लड़की के अबॉर्शन का समर्थन किया तो वहीं कुछ धार्मिक संगठनों ने इसका विरोध किया. इस घटना के बाद से बोलीविया में अबॉर्शन पर हंगामा मचा हुआ है. आइए जानते हैं पूरा मामला..
'डेली मेल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सौतेले दादा (61) द्वारा यौन शोषण किए जाने के बाद 11 वर्षीय लड़की प्रेग्नेंट हुई थी. खुलासा होने पर दादा को जेल भेज दिया गया लेकिन लड़की की प्रेग्नेंसी के मामले पर हंगामा तेज हो गया. क्योंकि एक ओर मानवाधिकार संगठन लड़की का अबॉर्शन कराने की सलाह दे रहे थे, वहीं कैथोलिक चर्च और धार्मिक संगठन इसके खिलाफ थे. इस मामले ने दोनों विचार के लोगों के बीच एक तीखी बहस छेड़ दी.
इस केस में कैथोलिक चर्च के हस्तक्षेप पर गंभीर रूप से सवाल उठाए जा रहे हैं. दावा किया गया कि धार्मिक समूहों ने पीड़िता की मां से संपर्क किया और उसे अबॉर्शन का विरोध करने के लिए राजी किया. हालांकि, मानवाधिकार संगठनों और अबॉर्शन के कानून के चलते पीड़िता के परिवार ने अपना फैसला बदल लिया.
लड़की को प्रेगनेंट होने का मतलब भी नहीं पता था
बोलिवियाई महिला अधिकार कार्यकर्ता एना पाओला गार्सिया ने कहा- “लड़की को यह भी नहीं पता था कि प्रेग्नेंट होने का क्या मतलब है? उसने अपने चचेरे भाई को बताया कि उसे अपने पेट के अंदर कुछ हिलता हुआ महसूस हुआ. उसके चचेरे भाई ने उसकी मां को बताया, जिसने पुलिस को इसकी सूचना दी." जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ और दादा को जेल भेज दिया गया.
उन्होंने आगे बताया कि लड़की को महिला अस्पताल ले जाया गया, जहां कानून के अनुसार, नाबालिग रेप पीड़िता का अबॉर्शन करवाया गया. सोमवार को प्रक्रिया से गुजरने के बाद लड़की अब अस्पताल में रिकवर हो रही है. बोलीविया के स्वास्थ्य और खेल मंत्री जैसन औज़ा ने कहा- 'लड़की की हालत स्थिर है और हमने लड़की के स्वास्थ्य और जीवन के अधिकार की रक्षा के लिए कानून द्वारा आवश्यक सभी सावधानियां बरती हैं.'
गौरतलब है कि बोलीविया में अबॉर्शन आम तौर पर अवैध है. हालांकि, यौन हमले, जन्मजात विकृतियों या जब मां की जान खतरे में हो, के मामलों में अबॉर्शन किया जा सकता है.