कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के मामले की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट नहीं करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस से जुड़े सभी मामलों को कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंप दिया है. शीर्ष अदालत ने इस केस से जुड़े सभी मामलों को कलकत्ता हाईकोर्ट भेज दिया है.
जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने कहा कि इस मामले की जांच की निगरानी और नेशनल टास्क फोर्स (NTF) के गठन जैसे सभी मुद्दों को अब कलकत्ता हाईकोर्ट ही देखेगा.
'स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी पीड़िता के परिजन को दें'
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) द्वारा दाखिल की गई जांच की स्टेटस रिपोर्ट की एक प्रति पीड़िता ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता को उपलब्ध कराई जाए.
'बेहतर तरीके से आगे बढ़ सकता है हाईकोर्ट'
बेंच ने कहा कि इन सभी मुद्दों को कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा देखा जाना ज्यादा उपयुक्त होगा, क्योंकि हाईकोर्ट पहले से ही इस मामले की निगरानी कर रहा है और वो इसे बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकता है.
गौरतलब है कि इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी. अब शीर्ष अदालत ने इस पूरे मामले की जिम्मेदारी कलकत्ता हाईकोर्ट को सौंप दी है.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में क्या हुआ था
दरअसल, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में पिछले साल 9 अगस्त को 31 वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की हत्या हुई थी. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई और आरोपी की गिरफ्तारी हुई. हालांकि, सालभर बाद पीड़िता के माता-पिता ने जांच से असंतुष्टि जाहिर की थी. इस मामले की शुरुआत में जांच कोलकाता पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में इसे CBI को सौंप दिया गया.