उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने जीएसटी में बदलाव को उपभोक्ता और व्यापारी, दोनों के ही हित में बताया और कहा कि इससे मांग बढ़ेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि रेवेन्यू हमेशा एक सा नहीं आता, उतार-चढ़ाव तो चलता ही रहता है. लेकिन ये हर तरह से फायदा देने वाला फैसला है.
सुरेश खन्ना मंगलवार को लखनऊ में आजतक की ओर से आयोजित 'विकसित उत्तर प्रदेश समिट' के मंच पर थे. जीएसटी स्लैब में बदलाव इतना ही फायदा देने वाला है, तो छह साल पहले ही इसका सरलीकरण क्यों नहीं कर दिया गया. इस सवाल के जवाब में सुरेश खन्ना ने कहा कि जब कोई नई व्यवस्था लागू होती है, तो एकदम से वह फूलप्रूफ नहीं हो पाती. उन्होंने कहा कि पूरे देश की यह मांग थी. कहीं 10, कहीं 12, अलग अलग टैक्स थे. उसका सरलीकरण किया गया. सुरेश खन्ना ने जीएसटी को अच्छा प्रयोग बताया और कहा कि यह व्यवस्था अच्छी तरह से चल रही है.
साल 2018 में एक रिपोर्ट में भारत के जीएसटी को सबसे उलझा टैक्स सिस्टम बताया गया था. इसे लेकर सवाल पर सुरेश खन्ना ने कहा कि जीएसटी काउंसिल में सरलीकरण की बात आती थी, लेकिन निर्णय सामूहिक होते हैं. उन्होंने कहा कि क्यों नहीं हुआ, इसका कोई जवाब नहीं है. यूपी के वित्त मंत्री ने कहा कि तीन तारीख को जीएसटी काउंसिल ने यह प्रस्ताव पास किया.
उन्होंने कहा कि 15-16 दिन बाद ये व्यवस्था लागू हो गई है. यह समय इसलिए ही दिया गया था कि नई व्यवस्था मन से स्वीकार हो. हम टैक्स कम करने जा रहे हैं और लोग खुश हैं. उन्होंने यूपी सरकार की उपलब्धियों और सरप्लस रेवेन्यू के मामले में यूपी के सबसे ऊपर होने को लेकर सवाल पर कहा कि हमने वित्तीय अनुशासन का पालन किया और फिजुलखर्ची रोकी.
सुरेश खन्ना ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने ऐसा निर्णय कर दिया था कि आमदनी तो व्यक्ति की होगी, लेकिन टैक्स सरकार देगी. हमने इसे समाप्त कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारे सत्ता में आने से पहले जो सिस्टम पूरा डिरेल था, उसको हमने सबसे पहले सही किया. इसका हमें बहुत बड़ा फर्क देखने को मिला है.
यूपी के वित्त मंत्री ने कहा कि जहां-जहां यह समझा गया कि ये गैरजरूरी है, उसे समाप्त कर दिया गया. ऐसे निर्णय लिए गए, जिनसे परियोजनाएं आगे भी बढ़ें और रिजल्ट भी समय पर मिले. कन्ज्यूमर अप्लायंस के क्षेत्र में यूपी नंबर वन है और पिछले पांच साल में हुए निवेश के आंकड़ों को लेकर सवाल पर उन्होंने सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि हम अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग तरह की छूट देते हैं.
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उन्होंने कहा कि हमने इसी साल चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा इंसेंटिव बांटे हैं. यूपी के वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर लोग इसलिए आ रहे हैं, क्योंकि कथनी-करनी में अंतर नहीं है. हम जो कमिट करते हैं, वो देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यूपी में सुरक्षित माहौल मिलता है. अखिलेश यादव के हमारी सरकार के समय भी स्टार्टअप आ रहे थे वाले दावे पर सुरेश खन्ना ने कहा कि फिर चुनाव हारे क्यों.