यूपी एसटीएफ ने SSC CGL परीक्षा-2025 में नकल कराने वाले एक बड़े गैंग का भंडाफोड़ करते हुए नोएडा से गैंग सरगना सहित 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए गैंग का सरगना सागर पांडेय है, जो इंदौर, मध्य प्रदेश का निवासी है. गैंग शारीरिक रूप से विकलांग (PH) उम्मीदवारों को गैरकानूनी रूप से लेखक (scrivener) उपलब्ध कराकर परीक्षा में नकल करवाता था. इसके अलावा, जाली दस्तावेज बनाकर उम्मीदवारों को परीक्षा दिलाने की पूरी साजिश करता था.
एसटीएफ के अनुसार गैंग में शामिल अन्य आरोपी हैं-विराट कुमार, दुर्गेश कुमार, जयप्रकाश मौर्या, चेतन शर्मा, बसंती लाल कुमावत, रोहित कुमार सिंह, नरेंद्र सिंह, अमित कुमार, सरवन कुमार और शरद यादव. चेतन शर्मा और बसंती लाल कुमावत लेखक/सॉल्वर के रूप में काम कर रहे थे. रोहित कुमार सिंह और नरेंद्र सिंह आदर्श परीक्षा केंद्र और 'इनोवेटिव व्यू' कंपनी के कर्मचारी थे. अमित कुमार जाली प्रमाण पत्र पर परीक्षा देने वाले सॉल्वर थे.
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गैंग ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा केंद्रों, साथ ही परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनियों के कर्मचारियों के साथ मिलकर नकल करवाता था. सॉल्वर बी.टेक., एम.एस.सी., बी.एस.सी. पास थे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. गैंग एक उम्मीदवार से 1 से 2 लाख रुपये वसूलता था, जिसमें सॉल्वर को केवल 10 हजार रुपये मिलते थे. जाली दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने के लिए अतिरिक्त 50 हजार रुपये लिए जाते थे.
एसटीएफ ने गैंग के कब्जे से ₹14 लाख 75 हजार 870 नकद, 16 जाली PH मेडिकल प्रमाण पत्र, 13 मोबाइल फोन, 6 आधार कार्ड, 3 निर्वाचन कार्ड, 3 पैन कार्ड और 1 ड्राइविंग लाइसेंस बरामद किया. गिरफ्तार आरोपी नोएडा के गौर सिटी टावर डी-1, आदर्श परीक्षा केंद्र (सेक्टर-80, फेज-2) और होटल टाउन हाउस (सेक्टर-121) से पकड़े गए.
पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई प्रतियोगी परीक्षाओं में ईमानदारी बनाए रखने और परीक्षा व्यवस्था में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई. एसटीएफ ने सभी आरोपियों के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है.