विधानसभा में शीतकालीन सत्र से निष्कासित किए गए समाजवादी पार्टी के सरधना विधायक अतुल प्रधान गले में बाबा साहेब अंबेडकर की फोटो डालकर साइकिल से अंबेडकर प्रतिमा पर धरने देने के लिए गए. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि मैं सदन में जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहा था, इसीलिए मुझे बाहर निकाला गया. उन्होंने ये भी कहा कि विधानसभा में अखिलेश यादव की कमी खल रही है.
आजतक से बात करते हुए अतुल प्रधान ने कहा कि मैं जनता से जुड़े मुद्दे उठा रहा था और मुझे मार्शलों द्वारा विधानसभा के बाहर फिंकवा दिया गया, यह लोकतंत्र की हत्या है. उन्होंने कहा कि अब मैं सदन में नहीं जा सकता तो यही चारा था कि साइकिल चलाकर बाबा साहब की प्रतिमा के पास बैठ जाऊं.
अखिलेश ने विधायकों से क्या कहा?
अतुल प्रधान ने बताया कि सपा विधायकों की मीटिंग में अखिलेश ने कहा कि जनता के हर विषय पर हमें लड़ना है. जहां सरकार जनता का ध्यान बांटने के लिए जातीय, धार्मिक, हिंदू-मुसलमान के मुद्दे निकालकर लाती है, इसको लेकर महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर चर्चा करनी चाहिए. इन मुद्दों पर ये लोग चर्चा नहीं करते, जिसका खामियाजा जनता को उठाना पड़ता है.
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अखिलेश यादव की कमी खल रही: अतुल प्रधान
उन्होंने कहा कि इस समय समाजवादी पार्टी देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. अखिलेश जी देश के बड़े नेता हैं, उनका अनुभव है, मुख्यमंत्री रहे, विपक्ष के नेता रहे. अलग-अलग सदनों में रहे तो अनुभव बड़ा है. नॉलेज, जानकारी और साहस इन सबकी जरूरत पड़ती है तो अखिलेश जी का वहां पर रहना ज्यादा अच्छा था. हालांकि अभी भी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अनुभवी हैं. जब उनसे पूछा गया कि क्या चाहेंगे कि उनकी वापसी हो. इस पर उन्होंने कहा कि ये निर्णय उनका ही होगा. 2027 में सीएम बनें, ये सबसे अच्छा होगा.