नोएडा में कुत्तों को लेकर बड़ा बवाल छिड़ा हुआ है, रोज किसी न किसी सेक्टर और पॉश हाउसिंग सोसायटी में कुत्तों के काटने के मामले आते रहते हैं, इस बीच जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी में पिछले एक हफ्ते से एंटी रेबीज का इंजेक्शन खत्म हो गया है. जिस वजह से डॉग बाइट से प्रभावित लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लोगों को प्राइवेट अस्पताल और दिल्ली रेबीज का टीका लगवाने जाना पड़ रहा है.
डॉग बाइट को लेकर छिड़ी बहस के दौरान पता चला था कि प्रदेश के सबसे पॉश और हाई टेक कहे जाने वाले शहर नोएडा में हर महीने 9 हजार लोग कुत्तों के हमले के शिकार होते हैं, वहीं जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल यानी राजकीय जिला अस्पताल में रोजाना 150 लोग एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचते है.
इस बीच डॉग बाइट के शिकार लोगों के लिए परेशानी और बढ़ गई है, जिले के सभी सीएचसी, पीएचसी पर बीते 29 सितंबर से एंटी रेबीज का टीका खत्म हो गया है. जिस वजह से जिला अस्पताल एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने वाले लोगों की संख्या रोजाना बढ़कर 250-300 हो गई है. यानी अस्पताल में रोजाना 250 से 300 लोग एंटी रेबीज का टीका लगवाने पहुंच रहे हैं.
जिले के दूर दराज इलाकों और ग्रामीणों के लिए 6 CHC बने हुए हैं, सभी CHC में पिछले एक हफ्ते से एंटी रेबीज टीके का स्टॉक खत्म हो चुका है. इस वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. रोजाना जिला अस्पताल में 50-60 किलोमीटर दूर से लोग एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए आ रहे है, जो लोग जिला अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे है वो प्राइवेट अस्पताल और दिल्ली जाने को मजबूर है. इस मामले पर जिले के सीएमओ डॉक्टर सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि जल्द से जल्द सभी CHC पर एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं.