गंगा विलास क्रूज को 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह शिप वाराणसी से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना होगा. इससे पहले 12 जनवरी की शाम 'सुर सरिता-सिम्फनी ऑफ गंगा' का आयोजन किया जाएगा. यह कार्यक्रम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में होगा. इसमें गंगा विलास क्रूज पर सवार पर्यटक भी शामिल होंगे.
गंगा विलास क्रूज यात्रा शुभारंभ से एक दिन पहले संस्कृति मंत्रालय वाराणसी में सांस्कृतिक कार्यक्रम 'सुर सरिता-सिम्फनी ऑफ गंगा' का आयोजन करेगी. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के प्रख्यात गायक शंकर महादेवन अपनी प्रस्तुति देंगे.
गंगा के महत्व और अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे लोग
संगीत कार्यक्रम के दौरान गंगा विलास क्रूज में यात्रा करने वाले पर्यटकों सहित अन्य गणमान्य लोग सुर तरंगनियों का आनंद लेंगे. इसके साथ-साथ मां गंगा के महत्व और उनके प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भी परिचित होंगे. सुर संध्या यह एहसास दिलाएगा कि मां गंगा कैसे हर भारतीय तथा संपूर्ण मानवता के लिए एक देवी के रूप में पूजनीय है.
51 दिनों की होगी यात्रा, इन जगहों से गुजरेगा शिप
गंगा विलास क्रूज 51 दिनों की यात्रा में उत्तर प्रदेश, बिहार, बांग्लादेश और असम को पार करेगा. इन जगहों पर नदी से जुड़ी पौराणिक कथाओं और किंवदंतियों का अपना इतिहास रहा है. इसको देखते हुए इस संगीत कार्यक्रम में अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग फ्लेवर देने वाले गानों को चुना गया है.
कार्यक्रम का समापन शंकर महादेवन की 'कर्तव्य गंगा' की स्तुति से होगा
असम, बिहार और बंगाल के लोक संगीतकार गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र नदियों को श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने के लिए लोकप्रिय गायक शंकर महादेवन के साथ शामिल होंगे. तकरीबन एक घंटे के शो का समापन शंकर महादेवन की 'कर्तव्य गंगा' की स्तुति के साथ होगा.
यह स्तुति में नदी देवी से वादा करता है कि हर भारतवासी हमेशा उनकी देखभाल करेगा. उनके जल की रक्षा के लिए हम लोग सब कुछ करेंगे, जैसे वह हमेशा हमारी रक्षा करती रही हैं. कार्यक्रम के दौरान ऑडियो और वीडियो विजुअल प्रस्तुति के माध्यम से नदी और उसकी चिरस्थायी प्रासंगिकता को प्रदर्शित किया जाएगा.