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लखनऊ में किसी भी विरोध-प्रदर्शन पर रोक, 30 अगस्त तक धारा 144 लागू

यूपी की राजधानी लखनऊ में 30 अगस्त तक किसी भी विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है और धारा 144 लागू कर दी गई है. इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी, नमाज और पूजा पर रोक लगी रहेगी. 30 अगस्त तक किसी भी प्रकार के जुलूस की भी इजाजत नहीं होगी. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक आयोजन और ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा.

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प्रतीकात्मक फोटो.
प्रतीकात्मक फोटो.

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मोहर्रम, शिवरात्रि, नागपंचमी समेत आगामी त्योहारों को देखते हुए धारा 144 लागू कर की गई है. लखनऊ ज्वाइंट कमिश्नर उपेंद्र अग्रवाल ने कई अहम दिशानिर्देश जारी करते हुए 30 अगस्त तक धारा 144 लागू करने की घोषणा की है.

ज्वाइंट कमिश्नर के निर्देश में कहा गया है कि धारा 144 के दौरान किसी भी प्रकार के जुलूस की इजाजत नहीं होगी. धरना प्रदर्शन और बिना इजाजत के जुलूस आदि निकालने पर रोक रहेगी. बता दें कि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर उपेंद्र अग्रवाल ने लखनऊ में धारा 144 लागू करने का आदेश दिए हैं.

सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी, नमाज और पूजा पर रोक

बता दें कि 16 जुलाई को शिवरात्रि, 29 जुलाई को मोहर्रम, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस, 21 अगस्त को नागपंचमी और लखनऊ में आयोजित प्रवेश परीक्षा को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. पुलिस की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि सार्वजनिक स्थानों पर कुर्बानी, नमाज और पूजा पर रोक लगी रहेगी.

30 जून 2023 तक लगाई गई थी धारा 144

इससे पहले भी राजधानी लखनऊ में 30 जून 2023 तक धारा 144 लागू कर दी गई थी. इस संबंध में जॉइंट पुलिस कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर की तरफ से लेटर जारी किया गया था. इस लेटर में बताया गया था कि 23 मई, 30 मई को बड़ा मंगल और 29 जून को ईद-उल-अजहा (बकरीद) है. इसके अलावा तमाम प्रवेश परीक्षाएं आयोजित होनी हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, भारतीय किसान संगठनों के प्रदर्शनकारियों के धरना-प्रदर्शन से शांति व्यवस्था भंग हो सकती है.

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