भोजपुरी सुपरस्टार और गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए लोकसभा में एक प्राइवेट बिल पेश किया है ताकि इसे आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाया जा सके.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक रवि किशन ने शुक्रवार को संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया. उन्होंने इसको लेकर कहा कि वह यह रेखांकित करना चाहते हैं कि भोजपुरी भाषा बेकार गानों के बारे में नहीं है, बल्कि इसका एक समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और साहित्य है जिसे बढ़ावा देने की जरूरत है.
बेहद समृद्ध है भोजपुरी भाषा
बीजेपी सांसद ने कहा, 'इतने सारे लोग इस भाषा को बोलते और समझते हैं, यह हमारी मातृभाषा है. मैं इस भाषा को बढ़ावा देना चाहता था क्योंकि इस भाषा में फिल्म उद्योग भी चल रहा है और लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है. संगीत उद्योग भी बहुत बड़ा है.'
उन्होंने कहा, 'यह विधेयक भोजपुरी साहित्य को बढ़ावा देने के बारे में है जो बहुत समृद्ध है. एक्टर रवि किशन ने कहा, "लोग भाषा को गंभीरता से लेंगे, ये भाषा फालतू गानों के बारे में नहीं है. भाषा बहुत समृद्ध है, इसमें साहित्य भी है.' भोजपुरी अभिनेता ने आगे कहा, भोजपुरी के साहित्य को लोकप्रिय बनाने की जरूरत है, 'मैंने इस भाषा के जरिए जो कमाया है वो मैं अपने समाज को लौटाना चाहता हूं, यह भाषा मेरी पहचान है.'
कई राज्यों में बोली जाती है भोजपुरी
इस प्राइवेट बिल को लेकर कहा गया है कि भोजपुरी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों के साथ-साथ कई अन्य देशों में रहने वाले बड़ी संख्या में लोगों की मातृभाषा है. मॉरीशस में, यह भाषा बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है और अनुमान है कि लगभग 140 मिलियन लोग भोजपुरी बोलते हैं, विधेयक में कहा गया है कि भोजपुरी फिल्में देश और विदेश में बहुत लोकप्रिय हैं और हिंदी फिल्म उद्योग पर गहरा प्रभाव डालती है.
उन्होंने इस बिल को लेकर कहा, 'भोजपुरी भाषा में एक समृद्ध साहित्य और सांस्कृतिक विरासत है. महान विद्वान महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने अपनी कुछ चीजें भोजपुरी में लिखी है. विवेकी राय और भिखारी ठाकुर जैसे भोजपुरी के कुछ अन्य प्रतिष्ठित लेखक भी हुए हैं, जिन्हें 'शेक्सपियर ऑफ द शेक्सपियर' के नाम से जाना जाता है. बिल में कहा गया है कि यह इंगित करता है कि हिंदी के कुछ अन्य प्रतिष्ठित लेखक जैसे भारतेंदु हरिश्चंद्र, महावीर प्रसाद द्विवेदी और मुंशी प्रेमचंद भोजपुरी साहित्य से गहराई से प्रभावित थे.
बता दें कि भोजपुरी को आठवीं अनुसूची में शामिल कराना इस भाषा को बोलने वाले लोगों की पुरानी मांग रही है. आठवीं अनुसूची में देश की आधिकारिक भाषाओं की सूची दी गई है जिसमें मूल रूप से14 भाषाएं थीं जो अब 22 हैं. बता दें कि किसी भी प्राइवेट बिल का महत्व इस तथ्य में निहित है कि वो बिल उस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने में कितना सक्षम है जिनका सरकारी विधेयकों में जिक्र नहीं है.