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आखिर कौन है आशुतोष सरकार, जिसने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से 'कार के अंदर रोमांस' का वीडियो किया वायरल

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 'कार के अंदर रोमांस' का वाीडियो वायरल होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है. आशुतोष सरकार ATMS का असिस्टेंट मैनेजर था, जिसकी जिम्मेदारी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और ट्रैफिक मॉनिटरिंग की थी. जिससे वह CCTV फीड तक बिना रोक-टोक पहुंच रखता था. इसी का दुरुपयोग कर उसने यात्रियों के निजी पलों की निगरानी, रिकॉर्डिंग और कथित ब्लैकमेलिंग की. अब पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया है और कंपनी ने उसे टर्मिनेट कर दिया है.

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पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कार के अंदर का वीडियो वायरल करने वाले आशुतोष पर एक्शन हो गया है (Photo: ITG)
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कार के अंदर का वीडियो वायरल करने वाले आशुतोष पर एक्शन हो गया है (Photo: ITG)

यूपी में बने पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का नाम अब एक ऐसी घटना से जुड़ गया है, जिसने न सिर्फ सिस्टम पर सवाल खड़े किए बल्कि हाईवे पर सफर करने वालों की निजी जिंदगी तक को असुरक्षित महसूस करा दिया. सुल्तानपुर ज़िले के हलियापुर टोल प्लाजा के पास तैनात रहे ATMS (Anti Traffic Management System) के असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उन्होंने एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे लोगों के निजी पलों को CCTV कैमरों से रिकॉर्ड किया, ब्लैकमेल किया और आखिरकार उन वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल तक कर दिया.

8 दिसंबर सोमावर को जब यह मामला सोशल मीडिया पर सामने आया, तो यह केवल एक शिकायत नहीं थी, बल्कि पूरा सिस्टम हिलाने वाला खुलासा था. शिकायत के साथ वीडियो क्लिप और एक विस्तृत पत्र भी वायरल हुआ, जिसे शिकायतकर्ताओं ने सुल्तानपुर डीएम, एसपी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम संबोधित किया था. बाद में कई और पीड़ित सामने आए, जिन्होंने अपने बयान पुलिस को दिए. इस मामले ने जैसे ही तूल पकड़ा, पुलिस हरकत में आई और हलियापुर थाने के उपनिरीक्षक मोहम्मद रफ़्फान ने असिस्टेंट मैनेजर आशुतोष सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.

आखिर कौन है यह आशुतोष सरकार

घटना की शुरुआत एक नवविवाहित दंपती से होती है, जो पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कार से सफर कर रहे थे. यात्रा के दौरान दंपती ने टोल प्लाजा से कुछ दूरी पहले कार रोक दी और कार के अंदर रोमांस करने लगे. आमतौर पर सड़क पर लगे CCTV कैमरे सुरक्षा और ट्रैफिक मॉनिटरिंग के लिए लगाए जाते हैं, लेकिन आशुतोष सरकार ने कथित रूप से इन कैमरों का गलत इस्तेमाल किया. ATMS सिस्टम से जुड़े होने के कारण उसे कैमरों की लाइव फीड तक सीधी पहुंच थी.

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सुपर वेव कम्युनिकेशन एंड इन्फ्रा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में कर रहा था काम 

शिकायत के अनुसार, आशुतोष ने दंपती के वह निजी पल रिकॉर्ड कर लिए. इसके बाद वह मौके पर पहुंचा और दंपती को वही वीडियो दिखाकर उनसे 32 हजार रुपये वसूल लिए. धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो वीडियो वायरल कर देगा. लेकिन पैसे लेने के बावजूद भी आशुतोष ने वीडियो को इंटरनेट पर डाल दिया. जब वीडियो वायरल हुआ, तो दंपती सकते में आ गए. शर्मिंदगी और डर के बीच उन्होंने हिम्मत जुटाई और मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, डीएम और एसपी से की. इसी के बाद यह मामला सार्वजनिक हुआ. आरोपी मैनेजर आशुतोष सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पैकेज-3 पर आउटसोर्सिंग कंपनी सुपर वेव कम्युनिकेशन एंड इन्फ्रा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर तैनात था. कंपनी NHAI के अधीन कार्य कर रही है और उसे मॉनिटरिंग से जुड़े महत्वपूर्ण दायित्व दिए गए थे.

कई पीड़ित सामने आए

वीडियो वायरल होने के बाद, मामला एक अकेली घटना तक सीमित नहीं रहा. दो दिनों के भीतर ही पांच से छह और पीड़ित पुलिस और प्रशासन के पास पहुंचे. इन पीड़ितों ने बताया कि ATMS मैनेजर आशुतोष सरकार एक्सप्रेसवे पर लगे कैमरों का दुरुपयोग कर रहा था. वह कैमरों के जरिए महिलाओं, युवतियों और परिवारों पर नजर रखता था. जैसे ही कोई संदिग्ध हरकत कैमरे में दिखती, वह वीडियो सेव कर लेता और थोड़ी देर बाद पीड़ितों के पास पहुंचकर डराता-धमकाता और उनसे रुपये ऐंठ लेता. पीड़ितों ने बताया कि यह सिलसिला पिछले कई महीनों से चल रहा था, लेकिन कोई शिकायत दर्ज कराने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. लोग शर्मिंदगी और सामाजिक अपमान के डर से चुप थे. लेकिन जैसे ही वायरल वीडियो सार्वजनिक हुआ, कई पीड़ित सामने पहुंचे और उन्होंने पुख्ता सबूत भी पुलिस को सौंपे.

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टोल प्लाजा पर तैनाती और अंदरूनी सिस्टम का दुरुपयोग

हलियापुर टोल प्लाजा पर ATMS सेक्शन का काम देखने वाले आशुतोष के पास कैमरों की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी थी. ATMS का उद्देश्य एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा, ट्रैफिक नियंत्रण और किसी भी दुर्घटना की तुरंत सूचना देना है. लेकिन इसी सुविधा का उसने गलत फायदा उठाने की कोशिश की. दर्ज एफआईआर में लिखा गया है कि वह न सिर्फ एक्सप्रेसवे पर चल रहे वाहनों को देखता था, बल्कि कैमरों को नीचे की ओर झुका कर आसपास के गांवों—जरईकला, हलियापुर और गौहनिया की गलियों और गलियारे तक पर नजर रखता था. कई बार ग्रामीण महिलाओं और युवतियों के फुटेज भी उसने रिकॉर्ड किए. पुलिस का कहना है कि यह एक सुनियोजित अपराध था, जिसमें तकनीक का इस्तेमाल गलत उद्देश्यों के लिए किया गया. जांच के दौरान कैमरा लॉग और फुटेज हिस्ट्री की भी मिलान किया जा रहा है.

कंपनी ने की टर्मिनेशन की चालाकी

जैसे ही मामला मीडिया की सुर्खियों में आया, ATMS की मॉनिटरिंग कर रही ठेका कंपनी हरकत में आई. कंपनी ने तत्काल प्रभाव से आशुतोष को टर्मिनेट करने का दावा किया. लेकिन इस टर्मिनेशन लेटर पर तारीख 30 नवंबर 2025 लिखी मिली. यही वह बिंदु था, जिसने संदेह को और गहरा कर दिया. क्योंकि पीड़ितों ने शिकायत 2 दिसंबर को की थी यानी कंपनी ने टर्मिनेशन बैकडेट में किया, ताकि यह दिखाया जा सके कि वह पहले ही एक्शन ले चुकी है. यह भी संदेह है कि कंपनी को पहले से आशुतोष की गतिविधियों की भनक थी, लेकिन उसने कार्रवाई नहीं की, जब तक मामला सार्वजनिक न हो गया.

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आरोपी का दावा: मुझे फंसाया गया है

मामले में आरोपी पूर्व टोल मैनेजर आशुतोष सरकार ने खुद पर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उसका कहना है कि यह सब एक साजिश है, जिसमें उसके कुछ सहकर्मी शामिल हैं, जो उसकी नौकरी से जलते थे. आशुतोष का दावा है कि उसके पास ऐसे कई सबूत हैं, जिनसे वह खुद को बेगुनाह साबित कर सकता है. उसने कहा कि कैमरों की फीड कई लोग देखते हैं, और उसे टारगेट करके फंसाया जा रहा है. फिलहाल पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि कहीं CCTV सिस्टम से जुड़ा कोई और व्यक्ति इस नेटवर्क में शामिल था या नहीं.

क्या कहती है पुलिस?

हलियापुर थाने की पुलिस का कहना है कि मामले को बेहद संवेदनशीलता के साथ देखा जा रहा है. यह न सिर्फ निजता के अधिकार का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि तकनीकी व्यवस्था का दुरुपयोग भी है. जांच में यह भी देखा जा रहा है कि वायरल हुए वीडियो कहां-कहां भेजे गए, किसने अपलोड किए और किसने शेयर किया.

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