उत्तर प्रदेश के महोबा जिले से ऑनलाइन मोबाइल गेम की लत से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 12 साल का नाबालिग किशोर अपने ही घर में चोरी कर फरार हो गया. इस घटना ने न सिर्फ परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि बच्चों में बढ़ती ऑनलाइन गेम की लत और उसके खतरनाक परिणामों पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं.
जानकारी के अनुसार, यह मामला 17 दिसंबर की रात का है. किशोर ने अपने घर से करीब 40 हजार रुपये नगद और लगभग तीन लाख रुपये मूल्य के सोने-चांदी के आभूषण चोरी कर लिए. चोरी के बाद वह अपने एक साथी के साथ घर से फरार हो गया. जब किशोर अचानक गायब हुआ तो परिवार में हड़कंप मच गया. काफी खोजबीन के बाद भी जब उसका कोई सुराग नहीं मिला, तो पिता प्रेमचंद साहू ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपने ही मोहल्ले के एक लड़के पर बेटे के अपहरण का आरोप लगाया था.
पुलिस भी इस मामले को अपहरण मानकर जांच में जुट गई. हालांकि, छह दिन बाद किशोर अपने साथी के साथ सकुशल मिल गया. इसके बाद जब उससे पूछताछ की गई तो पूरी कहानी सामने आई, जिसे सुनकर परिवार और पुलिस दोनों हैरान रह गए.
किशोर ने बताया कि मोहल्ले की एक महिला अपने घर में बच्चों को मोबाइल पर ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ खेलने की सुविधा देती थी और इसके बदले प्रतिदिन 300 रुपये लेती थी. धीरे-धीरे किशोर को इस गेम की लत लग गई. उसने उधार में भी गेम खेला, लेकिन जब बकाया रकम बढ़ती गई तो उसने उसे चुकाने के लिए चोरी की योजना बना ली.
किशोर ने स्वीकार किया कि चोरी की गई रकम का कुछ हिस्सा उसने महिला के बेटे को दे दिया, जबकि कुछ जेवर कानपुर में बेच दिए. इसके बाद वह अपने साथी के साथ गुरुग्राम चला गया था. सूचना मिलने पर परिवार ने उसे वापस लाकर कोतवाली में पेश किया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि किशोर नाबालिग है, इसलिए मामले को बाल न्याय अधिनियम के तहत देखा जा रहा है. पुलिस ने परिजनों को समझाइश दी है और पूरे मामले की सामाजिक पहलुओं से भी जांच की जा रही है.
घटना के बाद परिवार और स्थानीय लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि मोहल्ले में इस तरह से बच्चों को पैसे लेकर ऑनलाइन गेम खिलवाना गलत है और इससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो सकता है. स्थानीय लोगों ने संबंधित महिला से पूछताछ और आवश्यक कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में बच्चे इस तरह की लत और अपराध की राह पर न जाएं.