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'गायत्री प्रजापति ने अपशब्द कहे तो कैदी ने लोहे के पटरे से किया हमला...', जेल DIG का बयान

लखनऊ जेल में पूर्व मंत्री और सपा नेता गायत्री प्रजापति पर एक बंदी ने कहासुनी के बाद लोहे के पटरे से हमला कर दिया. DIG डॉ. राम धनी ने कहा कि यह पूर्वनियोजित साजिश नहीं, बल्कि अचानक हुई घटना थी. प्रजापति को प्राथमिक उपचार के बाद मेडिकल टीम को भेजा गया. जेल प्रशासन ने सुरक्षा और निगरानी कड़ी करने के निर्देश दिए हैं.

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गायत्री प्रजापति पर जेल में हमला हो गया था. (File Photo: ITG)
गायत्री प्रजापति पर जेल में हमला हो गया था. (File Photo: ITG)

लखनऊ जेल में मंगलवार को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति पर एक बंदी ने हमला कर दिया. जानकारी के मुताबिक, विवाद उस समय हुआ जब प्रजापति और कैदी विश्वास के बीच कहासुनी हो गई. इसी दौरान विश्वास ने अलमारी में लगे लोहे के पटरे से प्रजापति को चोट पहुंचाई.

लखनऊ कारागार रेंज के DIG डॉ. राम धनी ने मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह हमला किसी पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा नहीं था, बल्कि अचानक हुई झड़प का नतीजा था. उन्होंने बताया कि प्रजापति ने आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था, जिसके बाद आरोपी बंदी ने गुस्से में आकर हमला कर दिया.

घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद अधिकारियों ने स्थिति को संभाल लिया और प्रजापति को प्राथमिक उपचार दिया गया. उनकी गंभीर चोटों की आशंका को देखते हुए उन्हें मेडिकल टीम के पास भेजा गया. जेल प्रशासन ने कहा है कि घटना की जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जेल परिसर में निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा किया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि आवश्यक कदम उठाए गए हैं और कैदियों के बीच अनुशासन बनाए रखने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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अस्पताल में सफाई का काम कर रहे एक कैदी और गायत्री प्रजापति के बीच बहस हो गई, जो धीरे-धीरे धक्का-मुक्की में बदल गई. इसी दौरान सफाई ड्यूटी पर तैनात बंदी ने आवेश में आकर अलमारी के नीचे लगे स्लाइडिंग हिस्से से प्रजापति पर वार कर दिया.

गायत्री प्रजापति पर क्या हैं आरोप?
गायत्री प्रजापति समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उन पर खनन घोटाले समेत कई गंभीर आरोप हैं. इन्हीं मामलों के चलते वे लंबे समय से जेल में बंद हैं. जेल परिसर में हुआ यह हमला न केवल प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि कैदियों के बीच बढ़ते तनाव को भी सामने लाता है. घटना के बाद जेल अधिकारियों पर दबाव है कि वे सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करें और बंदियों के बीच टकराव की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाएं.

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