यूपी की राजधानी लखनऊ में मानकनगर थाना क्षेत्र के मेहंदी खेड़ा इलाके में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. यहां 44 साल के बेकरी संचालक वीरेंद्र यादव ने अपने पड़ोसी दंपति की प्रताड़ना और पुलिस की लापरवाही से तंग आकर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली.
मौके से मिला 6 पन्नों का सुसाइड नोट
वीरेंद्र ने मरने से पहले 6 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उन्होंने पड़ोसी सुरजीत यादव और उसकी पत्नी अनीता यादव के आतंक का विस्तार से जिक्र किया. विवाद की शुरुआत घर के बाहर बने रैंप से हुई थी.
मामला कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन आरोपी दंपति ने आदेश के बावजूद अवैध निर्माण जारी रखा. वीरेंद्र के विरोध करने पर दंपति ने उन पर और परिवार पर छेड़छाड़ का झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया.
वीरेंद्र की पत्नी नीलम यादव ने बताया कि झूठे मुकदमे का नोटिस आते ही पति बुरी तरह टूट गए थे. उन्हें डर था कि उनकी बेटी की शादी पर इसका असर पड़ेगा और समाज में उनकी प्रतिष्ठा खत्म हो जाएगी. अपमान और तनाव के चलते वीरेंद्र ने जहरीला पदार्थ खा लिया.
मृतक के बेटे ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक के बेटे अभय यादव ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए. उनका कहना है कि घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों के बावजूद पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की. उन्होंने दावा किया कि आरोपी दंपति का एक रिश्तेदार एसटीएफ में है, जिसके दबाव में पुलिस ने झूठा केस दर्ज किया. इतना ही नहीं, वीरेंद्र की मौत के बाद भी पुलिस ने पंचनामा में पूरा दिन लगा दिया, जिससे परिवार को रात में अंतिम संस्कार करना पड़ा.
आरोपी पड़ोसी ने भी दी सफाई
यह केवल वीरेंद्र यादव का मामला नहीं है. मोहल्ले के कई परिवार इस दंपति की दबंगई का शिकार हो चुके हैं. पड़ोसन अमृता यादव ने बताया कि उनके पति पर भी झूठा केस दर्ज कराया गया, जिसके सदमे से उन्हें हार्ट अटैक हुआ. वहीं इस मामले को लेकर एसीपी कैंट अभय मल्ल ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और पीड़ित परिवार की तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. इस घटना से पूरे मोहल्ले में गुस्सा और दहशत है.