
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की मौत से हड़कंप मच गया. परिजनों का आरोप है कि बेरहमी से पिटाई कर उसकी हत्या की गई है. उसके शरीर पर चोट के निशान थे. मृतक के घरवालों ने जेल अधिकारियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया और शव लेने से इनकार कर दिया. मामला बढ़ता देख पुलिस ने जेलर और डिप्टी जेलर सहित 8 लोगों पर हत्या और वसूली का मामला दर्ज किया है.
दरअसल, यह पूरी घटना हमीरपुर जेल में हुई. यहां बंद विचाराधीन कैदी अनिल कुमार तिवारी की कथित तौर पर हत्या कर दी गई. आरोप है कि उसे बेरहमी से पीटा गया था. शरीर पर गंभीर चोटों के कारण उसकी रात में ही हालत बिगड़ गई. परिजनों ने दावा किया कि वह रात भर पानी मांगता रहा और सुबह उसकी मौत हो गई. अब इस मामले में जेलर, डिप्टी जेलर, जेल वार्डर और कुछ कैदियों सहित 8 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है.

मृतक बंदी के परिजनों ने आरोप लगाया कि जेल अधिकारियों ने अनिल की पिटाई की जिससे उसकी मौत हुई. जब परिजन शव लेने गए तो पुलिस ने शव दिखाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्होंने जेल के बाहर हंगामा करते हुए जाम लगा दिया. सदर विधायक मनोज प्रजापति के समझाने के बाद जाम खुला. जब परिजनों ने शव पर चोट के निशान देखे तो उन्होंने हत्या का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. चार डॉक्टरों के पैनल ने शव का पोस्टमॉर्टम किया.
मुकदमा दर्ज होने के बाद माने परिजन
पोस्टमॉर्टम के बाद भी परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया और दोषियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े रहे. कई घंटों तक चले मान-मनौव्वल के बाद भी वे नहीं माने. इसके बाद, मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने जेलर चंदीला, डिप्टी जेलर संगेश कुमार, जेल वार्डर अनिल यादव, नंबरदार दिलीप, नंबरदार शफी मुहम्मद, दीपक, राइटर विनय सिंह और कुछ अन्य अज्ञात लोगों पर हत्या, गंभीर चोट पहुंचाने और जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज किया.
अधिकारियों ने परिजनों से की मुलाकात
जब प्रशासन ने देखा कि परिजन बिना मुकदमा दर्ज हुए शव नहीं लेंगे, तो रात भर उन्हें समझाने का प्रयास किया गया. सदर विधायक मनोज प्रजापति और अन्य अधिकारियों ने मृतक के गांव सूरजपुर में डेरा डाला और हरसंभव मदद का भरोसा दिया. आखिरकार, मुकदमा दर्ज होने के बाद परिजन माने और शव लेकर गांव गए. हमीरपुर के श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया गया.