गाजियाबाद के पॉश इलाके राजनगर एक्सटेंशन की एक हाई-राइज सोसाइटी में हुई यह वारदात किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है. बाहर से सब कुछ सुरक्षित और शांत दिखने वाली Aura Chimera सोसाइटी के फ्लैट नंबर 506 के भीतर जो हुआ, उसे जिसने सुना सन्न रह गया. यह कहानी है एक किराए के विवाद की, जो धीरे-धीरे तनाव में बदला और फिर एक निर्मम हत्या में तब्दील हो गया.
किराया लेने निकली थीं, मौत मिल गई
मृतका दीपशिखा शर्मा, उम्र करीब 45 वर्ष, अपने परिवार के साथ इसी सोसाइटी में रहती थीं. उनके पास यहां दो फ्लैट थे. एक में वह खुद रहती थीं और दूसरा फ्लैट 506 उन्होंने अजय गुप्ता और उसकी पत्नी आकृति गुप्ता को किराए पर दे रखा था. शुरू में सब कुछ सामान्य चला, लेकिन बीते पांच से छह महीनों से किराया आना बंद हो गया. परिजनों के मुताबिक दीपशिखा कई बार किराया मांग चुकी थीं. हर बार कोई न कोई बहाना बना दिया जाता. कभी आर्थिक तंगी, कभी नौकरी छूटने की बात. दीपशिखा ने भी कुछ समय तक धैर्य रखा, लेकिन आखिरकार उन्होंने सख्ती दिखाने का फैसला किया. 17 दिसंबर की दोपहर करीब साढ़े ग्यारह बजे वह किराया लेने के लिए फ्लैट नंबर 506 की ओर निकलीं. किसी को अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी यात्रा साबित होगी.
फ्लैट के भीतर बढ़ता तनाव
पुलिस जांच में सामने आया कि फ्लैट के भीतर किराया को लेकर तीखी बहस हुई. दीपशिखा ने साफ शब्दों में कहा कि या तो बकाया किराया दें या फ्लैट खाली करें. यह बात किरायेदार दंपति को नागवार गुजरी. पहले कहासुनी हुई, फिर आवाजें तेज होती चली गईं. इसी दौरान अजय और आकृति ने मिलकर दीपशिखा का गला दबा दिया. कुछ ही मिनटों में उनकी सांसें थम गईं. जिस महिला ने कुछ देर पहले किराया मांगा था, वह अब फर्श पर बेसुध पड़ी थी.
शव छिपाने की खौफनाक साजिश
हत्या के बाद दोनों आरोपी घबरा गए. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करें. शोर मचाने या बाहर भागने का मतलब था सीधा पकड़े जाना. ऐसे में उन्होंने एक खौफनाक फैसला लिया. फ्लैट में रखा एक बड़ा लाल रंग का सूटकेस निकाला गया. दीपशिखा के शव को उसमें ठूंसकर भरा गया और फिर सूटकेस को बेड के अंदर खिसका दिया गया. ऊपर से कमरा सामान्य दिखे, इसके लिए चादरें ठीक कर दी गईं. उन्हें लगा कि शायद रात होने तक कोई सवाल नहीं उठेगा.
मेड को हुआ शक
देर तक दीपशिखा जब घर नहीं लौटी तो उनकी मेड को कुछ शक हुआ. अनहोनी की आशंका लिए वह उस फ्लैट पर पहुंची जहां दीपशिखा किराया लेने गई थी. फ्लैट के अंदर से अजीब सी खामोशी थी. शक और गहरा गया. इसी बीच सोसाइटी के लोगों ने सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए. फुटेज में दीपशिखा को शाम के समय फ्लैट की ओर जाते देखा गया, लेकिन वापस लौटते हुए वह कहीं नजर नहीं आईं. लोगों ने फ्लैट की तलाशी ली. बेड के नीचे रखे सूटकेस पर नजर पड़ी. जब उसे खोला गया, तो अंदर का मंजर देखकर लोग सिहर उठे. सूटकेस में दीपशिखा शर्मा का शव था.
भागने की कोशिश, भीड़ ने पकड़ा
शव मिलने के बाद सोसाइटी में अफरा-तफरी मच गई. इसी दौरान अजय और आकृति वहां से निकलने की कोशिश करने लगे, लेकिन लोगों ने उन्हें घेर लिया. गुस्साई भीड़ ने शोर मचाया और तुरंत पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची नंदग्राम थाना पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया.
मुंह से उगल दी पूरी कहानी
फ्लैट नंबर 506 के बाहर जमा लोगों के बीच आरोपियों से सवाल-जवाब होने लगे. वहां मौजूद लोगों ने वीडियो भी बनाए, जिनमें अजय और आकृति अपने मुंह से पूरी घटना बताते नजर आए. उन्होंने कबूल किया कि किराया विवाद में गुस्से में हत्या कर दी गई. यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल रहा है.
पुलिस की शुरुआती जांच
पीआरवी के माध्यम से सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया. प्राथमिक जांच में गला घोंटकर हत्या की पुष्टि हुई है. नंदग्राम की सहायक पुलिस आयुक्त उपासना पाण्डेय ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है. आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और सभी पहलुओं की गहराई से जांच हो रही है. परिवार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.
पॉश सोसाइटी में दहशत
इस वारदात के बाद Aura Chimera ही नहीं, पूरे राजनगर एक्सटेंशन इलाके में डर का माहौल है. लोग सवाल उठा रहे हैं कि गार्डेड और पॉश कही जाने वाली सोसाइटी में इतनी बड़ी वारदात कैसे हो गई. स्थानीय निवासियों का कहना है कि किरायेदारों की ठीक से जांच नहीं होती और सुरक्षा व्यवस्था सिर्फ दिखावे तक सीमित है.