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CM योगी का दिल छू लेना वीडियो: दिव्यांग खुशी गुप्ता से मिले, कानपुर से पैदल आई थी लखनऊ

कानपुर की श्रवण-वाक् दिव्यांग बच्ची खुशी गुप्ता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विशेष सहयोग मिला है. अपनी बनाई पेंटिंग सौंपने के लिए लखनऊ पहुंची खुशी की भावनाओं को समझते हुए मुख्यमंत्री ने उसकी पढ़ाई, इलाज, मोबाइल-टैबलेट और परिवार के आवास की व्यवस्था का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री की इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को नई उम्मीद मिली है और बच्ची के सपनों को उड़ान मिली है.

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दिव्यांग खुशी गुप्ता से मिले CM योगी, कानपुर से पैदल आई थी लखनऊ (Photo: ITG)
दिव्यांग खुशी गुप्ता से मिले CM योगी, कानपुर से पैदल आई थी लखनऊ (Photo: ITG)

उत्तर प्रदेश के कानपुर की श्रवण-वाक् दिव्यांग खुशी गुप्ता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष सहयोग मिला है. अपनी बनाई पेंटिंग्स सौंपने के लिए जब वह लखनऊ पहुँची, तो मुख्यमंत्री ने उसे मूक-बधिर महाविद्यालय में पढ़ाई के अवसर के साथ मोबाइल और टैबलेट उपलब्ध कराने का भरोसा दिया. इसके अलावा, सरकार ने उसके कानों के उपचार का खर्च और परिवार के लिए आवास की व्यवस्था कराने का आश्वासन भी दिया. मुख्यमंत्री की इस पहल से खुशी और उसके परिवार को नई उम्मीद मिली है.

कानपुर के ग्वालटोली अहरानी में रहने वाली खुशी 26 नवंबर को अपने पिता कल्लू गुप्ता, मां गीता गुप्ता और भाई जगत गुप्ता के साथ लखनऊ पहुंची. आर्थिक रूप से कमजोर यह परिवार लंबे समय से कठिन परिस्थितियों में जीवन बिता रहा है. पिता पहले संविदा पर गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन अब बेरोजगार हैं, जबकि मां गीता गुप्ता घरों में काम करके परिवार का खर्च चलाती हैं. ऐसे माहौल में भी खुशी का लगाव मुख्यमंत्री से मिलने की इच्छा के रूप में हमेशा जीवित रहा.

यह घटना 22 नवंबर को शुरू हुई, जब खुशी बिना बताए घर से निकल गई. उसका सपना था कि वह अपने हाथों से बनाया हुआ चित्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचाए. उसे बचपन से चित्रकारी का शौक है. वह अकेली ही कानपुर से पैदल निकल पड़ी और किसी तरह लखनऊ पहुंच गई. लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात न हो पाने पर वह लोकभवन के बाहर रोने लगी. हजरतगंज पुलिस ने उसे सुरक्षा दी और उसके परिवार को सूचना दी. इसी दौरान परिवार ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. अनपढ़ होने के बावजूद खुशी अपने पिता का नाम, मोबाइल नंबर और मुख्यमंत्री का नाम लिख लेती है.

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जब मुख्यमंत्री को खुशी की कहानी की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत उसके परिवार को अपने आवास बुलाने के निर्देश दिए. मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने खुशी की शिक्षा के लिए कानपुर के मूकबधिर कॉलेज में प्रवेश दिलाने का आश्वासन दिया और उसकी पढ़ाई व कौशल विकास में मदद के लिए मोबाइल और टैबलेट भी दिए. राज्य सरकार उसकी सुनने की समस्या के इलाज और परिवार को आवास उपलब्ध कराने की दिशा में भी कदम उठा रही है.

आज तक के कैमरे पर खुशी ने इशारों में बताया कि मुख्यमंत्री ने उसे कपड़े उपहार में दिए. उसने कहा कि उसने मुख्यमंत्री को सलामी दी और बदले में मुख्यमंत्री ने उसे आशीर्वाद दिया. खुशी ने संकेतों में यह भी कहा कि वह पैदल ही लखनऊ आई थी, लेकिन पहले मुख्यमंत्री से मिल नहीं पाई थी. 'आज उनसे मुलाकात कर मुझे बहुत खुशी हुई'. खुशी ने बताया कि वह अक्सर घर वालों से कहती थी कि वह आगे चलकर पुलिस में भर्ती होना चाहती है. इस पर मुख्यमंत्री ने स्नेहपूर्वक कहा- 'बिटिया जो चाहती है, वही होगा.' मुख्यमंत्री ने खुशी ही नहीं, बल्कि उसके पूरे परिवार को भी कपड़े भेंट किए, जिससे परिवार के सभी सदस्य बेहद प्रसन्न नजर आए.

 

 

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