मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन एक्शन की शताब्दी समारोह के समापन पर स्वतंत्रता संग्राम के अमर क्रांतिकारियों को नमन करते हुए वर्तमान पीढ़ी से राष्ट्रभक्ति और स्वदेशी को जीवन का मंत्र बनाने की अपील की. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, स्वदेशी हमारे जीवन का ध्येय बने, स्वदेशी हमारे जीवन का मंत्र बने, हम जियेंगे स्वदेशी के लिए, और मरेंगे अपने देश के लिए. जब भारत इस संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा, तो दुनिया की कोई ताकत इसका बाल भी बांका नहीं कर पाएगी.
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद क्रांतिकारियों की स्मृति में पीपल का पौधा लगाया, छोटी बच्चियों से राखी बंधवाई और उन्हें मिठाई व चॉकलेट उपहार स्वरूप दीं. उन्होंने काकोरी ट्रेन एक्शन पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया, शहीद सैनिकों के परिजनों को मंच पर सम्मानित किया, और संग्रहालय में जाकर स्मृतियां संजोईं. सांस्कृतिक विभाग द्वारा प्रस्तुत नाट्य मंचन में 1925 की उस ऐतिहासिक घटना का जीवंत चित्रण किया गया जिसने ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिला दी थी.
काकोरी: बलिदान की विरासत
अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 9 अगस्त 1925 को काकोरी के वीरों पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी और उनके साथियों ने ब्रिटिश हुकूमत के सरकारी खजाने पर कब्जा कर उसे स्वतंत्रता संग्राम में लगा दिया. यह रकम महज 4600 रुपए थी, लेकिन उन्हें पकड़ने में अंग्रेजों ने 10 लाख रुपए से अधिक खर्च कर डाले.
उन्होंने बताया कि कई क्रांतिकारी बिना निष्पक्ष सुनवाई के फांसी पर चढ़ा दिए गए. चंद्रशेखर आज़ाद अंग्रेजों के हाथ नहीं लगे, बल्कि अंतिम सांस तक मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शताब्दी महोत्सव केवल स्मरण का नहीं, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का पर्व है. आज से 100 वर्ष पहले जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर किए, उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना हर भारतीय का कर्तव्य है.
हर घर तिरंगा राष्ट्रभक्ति का नया संकल्प
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान को दोहराते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभर में घर-घर तिरंगा फहरना चाहिए, हर गांव और नगर में तिरंगा यात्राएं निकलनी चाहिए. उन्होंने कहा, “जब हर घर के ऊपर तिरंगा लहराएगा और तिरंगा यात्रा के माध्यम से हम एकता का संदेश देंगे, तो विभाजनकारी शक्तियों की मंशा को तोड़ते हुए आज़ादी का यह अमृत महोत्सव एक जनांदोलन बन जाएगा. उन्होंने हाल के ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने जिस साहस और तत्परता से दुश्मन के हमले का जवाब दिया, उसने दुनिया को भारत की शक्ति का एहसास करा दिया.
विदेशी वस्तुओं को छोड़, स्वदेशी अपनाएं
सीएम योगी ने जोर देकर कहा कि आर्थिक राष्ट्रनिर्माण की शुरुआत हमारे उपभोग से होती है. विदेशी वस्तुएं खरीदने से न केवल हमारा धन देश से बाहर जाता है, बल्कि वह धन आतंकवाद और उग्रवाद को भी पोषण दे सकता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि आगामी त्यौहार रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दशहरा, दीपावली, छठ पर केवल स्वदेशी वस्तुएं खरीदें और उपहार दें.
मुख्यमंत्री ने कहा, यदि हम थोड़ा महंगा भी खरीदें, लेकिन वह स्वदेशी हो, तो उसका लाभ देश के कारीगर और हस्तशिल्पियों को मिलेगा. यह पैसा देश के विकास और उत्थान में लगेगा. उन्होंने 2 अक्टूबर को गांधी आश्रम जाकर खादी खरीदने का संकल्प लेने का भी आग्रह किया.
शहीदों का सम्मान और विकास की योजनाएं
समारोह में मुख्यमंत्री ने काकोरी आंदोलन से जुड़े क्रांतिकारियों और वीर सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया. उन्होंने घोषणा की कि लखनऊ के मलिहाबाद के आम को “काकोरी ब्रांड” के रूप में वैश्विक बाजार में भेजा जाएगा, जिससे क्षेत्र के किसानों को लाभ होगा और यह क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार न केवल स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रही है, बल्कि शहीद स्मारकों के पुनरुद्धार के लिए भी अभियान चला रही है. उन्होंने मैनपुरी एक्शन (1915), चौरी चौरा कांड (1922) और काकोरी ट्रेन एक्शन (1925) जैसे आंदोलनों को याद करते हुए कहा कि आजादी कोई मुफ्त में नहीं मिली, इसकी कीमत हमारे पूर्वजों ने अपने खून और बलिदान से चुकाई थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर नागरिक का दायित्व है कि वह अपने काम, अपने व्यवहार और अपने उपभोग से देश को आगे बढ़ाए. हमारे पूर्वजों ने जिन सपनों के लिए अपने प्राण न्योछावर किए, हमें वैसा ही भारत बनाना है आत्मनिर्भर, स्वाभिमानी और विश्व में अग्रणी. इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल भी मौजूद रहीं.