उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए अदालत से गंभीर अपराधों के आरोपियों को जमानत दिलाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. “ऑपरेशन शिकंजा” के तहत तिंदवारी थाना क्षेत्र में सक्रिय इस गैंग के मास्टरमाइंड रामबाबू उर्फ डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. अब तक इस मामले में कुल पांच शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पैसे लेकर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था और उन्हें अदालत में पेश कर बलात्कार समेत अन्य गंभीर मामलों के आरोपियों को जेल से बाहर निकलवाता था. आरोपी किसी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी आधार कार्ड, खेतों के खसरा-खतौनी और फोटो का इस्तेमाल कर जमानत प्रार्थना पत्र तैयार करते थे, जिससे अदालत को गुमराह किया जा सके.
मामले का खुलासा तब हुआ जब तिंदवारी थाना क्षेत्र के भिड़ौरा गांव निवासी जगतनारायण ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि उनके नाम और पहचान का दुरुपयोग करते हुए फर्जी आधार कार्ड और जमीन से जुड़े दस्तावेज लगाए गए और एक बलात्कार के आरोपी की जमानत अदालत से करा ली गई. शिकायत की जांच में आरोप सही पाए जाने पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की.
जांच के दौरान पुलिस को कई चौंकाने वाले तथ्य सामने मिले. पता चला कि यह कोई एक-दो लोगों का काम नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह है जो लंबे समय से इस तरह के फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा था. पुलिस ने अब तक इस मामले में छह मुकदमे दर्ज किए हैं और पांच आरोपियों को जेल भेज दिया है.
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 48 फर्जी आधार कार्ड, बड़ी संख्या में खसरा-खतौनी, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं. इन उपकरणों की मदद से ही फर्जी दस्तावेज तैयार किए जाते थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिन अपराधियों को फर्जी कागजातों के आधार पर जमानत मिली थी, उनकी जमानत निरस्त कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. साथ ही गिरफ्तार आरोपियों की आपराधिक कुंडली खंगाली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन्होंने पहले और किन-किन मामलों में इस तरह की धोखाधड़ी की है.