थाईलैंड में एक महिला ने अपने शोकग्रस्त परिवार को तब चौंका दिया, जब वह अंतिम संस्कार से कुछ सेकंड पहले ताबूत के अंदर से लात मारने लगी. उसने अपने ताबूत के ढक्कन पर जोर से धक्का मारा .
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, चोनथिरोत नाम की 65 साल की महिला को 23 नवंबर की सुबह उत्तरी थाईलैंड के फिट्सानुलोक स्थित उनके घर पर मृत घोषित कर दिया गया.
ताबूत में चार घंटे तक बंद रही महिला
यह मानते हुए कि वह शांतिपूर्वक चल बसी हैं, उनके परिवारवालों ने उन्हें एक सफेद ताबूत में रखा और बैंकॉक के बाहरी इलाके में स्थित एक मंदिर तक चार घंटे लंबी यात्रा करके ले गए. वहां गरीबों को मुफ्त दाह संस्कार और अंतिम संस्कार सेवाएं प्रदान की जाती है.
चार घंटे बाद मंदिर पहुंचते ही महिला जाग गई
बताया जाता है कि जब पिकअप ट्रक मंदिर में पहुंचा तो मृत दादी अपने ताबूत के अंदर जाग उठीं. लोगों को इसका पता तब चाला जब वह ताबूत के अंदर उसके ढक्कन पर जोर-जोर से लात मारने लगी. यह देखकर रिश्तेदार अचंभित रह गए.
ताबूत के अंदर लात मार रही थी मृत महिला
जब ताबूत खोला गया तो महिला अंदर इधर-उधर करवट ले रही थी और अपने चेहरे से मक्खियां पोंछ रही थी. यह देख परिवार को विश्वास नहीं हो रहा था. चोनथिरोत के छोटे भाई, 57 साल के मोंगकोल ने बताया कि वह दो साल से बिस्तर पर थी और स्थानीय समयानुसार सुबह 2 बजे उसे 'मृत' पाया गया.
परिवार वालों ने कर दी थी मृत्यु की पुष्टि
उन्होंने बताया कि उन्होंने उसकी मृत्यु की पुष्टि करने वाले कागज पर हस्ताक्षर भी कर दिए थे, जिसे उन्होंने बौद्ध भिक्षु को सौंप दिया था, जो यह सेवा करने वाले थे. मोंगकोल ने कहा कि मैं हैरान, आश्चर्यचकित और खुश था कि मेरी बहन अभी भी ज़िंदा है. मैं आश्चर्य से लगभग गिर ही गया था. यह एक चमत्कार है कि वह जाग गई.
ताबूत को जलाने से कुछ सेकंड पहले अंदर से आने लगी आवाज
मंदिर के कर्मचारी 27 वर्षीय थम्मनून ने बताया कि वह लकड़ी के बक्से को जलाने से पहले संक्षिप्त समारोह के लिए हॉल में ले जाने ही वाले थे. तभी उन्होंने अंदर से लात मारने की आवाज सुनी और ऐसा लगा कि मदद के लिए धीमी आवाज कोई दे रहा है.
उन्होंने कहा कि मैंने उसके ऊपर से कपड़ा हटाया और जब मैंने देखा कि वह अभी भी हिल रही है तो मैं स्तब्ध रह गया. वह होश में थी, कमज़ोर सांसें ले रही थी और सिर हिला रही थी, लेकिन बोल नहीं पा रही थी. मैं दंग रह गया क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था.
अंतिम संस्कार के बदले महिला को अस्पताल ले जाया गया
बाद में चोन्थिरोत को बंग याई अस्पताल ले जाने के लिए एक एम्बुलेंस पहुंची. वाट रत प्रखोंग थाम मंदिर प्रबंधन ने कहा कि वह उसके इलाज का खर्च उठाएगा. मंदिर के मठाधीश फ्रा किट्टी वाचिराथदा ने कहा कि उन्होंने मंदिर में अपने कार्यकाल के दौरान ऐसी घटना कभी नहीं देखी थी तथा उन्होंने कहा कि वे परिवार के लिए खुश हैं, जिन्हें चोनथिरोत के साथ दूसरा मौका दिया गया है.
फरवरी में, पूर्वोत्तर थाईलैंड में एक 85 साल की महिला भी 40 मिनट तक मृत रहने के बाद जीवित हो गईं थीं. महिला का नाम पुआ श्रीफुएंग था. पुआ को कथित तौर पर बुरीराम प्रांत स्थित उनके घर पर नाड़ी नहीं मिल रही थी. लेकिन जब उनका परिवार उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहा था, तो कथित तौर पर वह आंखें खोलकर उठ बैठीं.