आमतौर पर हम सभी दही में अलग से चीनी मिलाकर खाना पसंद करते हैं. पसंद से भी अधिक ये स्वाद की बात होती है. दही में मीठापन लाने के लिए लोग इसमें चीनी मिलाकर खाना पसंद करते हैं लेकिन दही में अलग से चीनी मिलाकर खाना नुकसानदेह हो सकता है पर अब डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने इस समस्या का हल खोज निकाला है.
डेनमार्क के शोधकर्ताओं ने मीठी दही जमाने में सफलता हासिल की है. शोधकर्ताओं के दल ने दही जमाने वाले बैक्टीरिया के चयापचय गुण में बदलाव लाकर प्राकृतिक रूप से उसे मीठा बनाने में कामयाबी हासिल की है.
इसके अलावा शोधकर्ताओं ने सूक्ष्मजीव विज्ञानी तरीकों के उपयोग से दही के लैक्टोज को पूरी तरह निकालने का तरीका भी ढूंढ निकाला है. ऐसे में अब दही में बिना चीनी मिलाए उसे खाया जा सकेगा.
डेनमार्क की बहुराष्ट्रीय बॉयोसाइंस कंपनी हेंसन होल्डिंग के उपाध्यक्ष और शोधकर्ता एरिक जोहानसन का कहना है कि हमारा लक्ष्य यह था कि दही में पाई जाने वाले बैक्टीरिया ग्लूकोज को न पचा पाए, जो कि चीनी का ही एक मीठा रूप है और किण्वन उत्पाद है. हम चाहते थे कि वे ग्लूकोज को खाएं लेकिन वापस ग्लूकोज ही निकालें.
यह शोध एप्लाइड एंड एनवायरोनमेंटल माइक्रोबायलॉजी में प्रकाशित किया गया है.
जोहानसन के मुताबिक, इसका कारण यह है कि ग्लूकोज लैक्टोज या गैलेक्टोज के मुकाबले अधिक मीठा होता है इसलिए दही के बैक्टीरिया ग्लूकोज खाकर लैक्टोज निकालने की बजाए जब ग्लूकोज निकालते हैं तो दही मीठा हो जाता है और उसमें अलग से चीनी मिलाने की जरूरत नहीं पड़ती है.