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क्यों चर्चा में है स्कॉच व्हिस्की, क्या जल्द ही आधी कीमत पर मिलने वाली है?

दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले स्कॉच व्हिस्की पसंद करने वालों के लिए अब एक नया दौर शुरू होने वाला है. जानकारी के अनुसार, जल्द ही स्कॉच व्हिस्की के दाम घटने वाले हैं.

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भारत में स्कॉच व्हिस्की के दाम 50 प्रतिशत तक घट सकते हैं. (Photo: Pexels)
भारत में स्कॉच व्हिस्की के दाम 50 प्रतिशत तक घट सकते हैं. (Photo: Pexels)

सोशल मीडिया स्कॉच व्हिस्की की खूब चर्चा की जा रही है, इसकी वजह है इसके दाम. स्कॉच व्हिस्की पीने वाले लोगों को लिए खुशखबरी है. भारत में जल्द ही शिवास रीगल, बैलेंटाइन्स, ग्लेनलिवेट, ग्लेनफिडिच और जॉनी वॉकर जैसे प्रीमियम ब्रिटिश ब्रांडों की कीमतों में गिरावट देखने को मिल सकती है. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते के लिए भारत पहुंचे हैं और इस बातचीत में स्कॉच व्हिस्की पर भी चर्चा हो रही है. 

भारत में स्कॉच व्हिस्की की भारी डिमांड

भारत में स्कॉच व्हिस्की की बहुत ज़्यादा मांग है, इसका कारण है देश में बढ़ता मध्यम वर्ग और लोगों का महंगी विदेशी चीज़ों की ओर झुकाव. इसी वजह से भारत लंबे समय से विदेशी शराब कंपनियों के लिए एक बड़ा बाज़ार बन गया है. अब, जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान आर्थिक और व्यापार समझौते से महंगी शराब सस्ती होने का वादा किया गया है. अगर ऐसा हुआ तो इसका असर बाकी ब्रांडों पर भी पड़ेगा. कम लागत वाले मिश्रणों की वजह से भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) की कीमतें भी घट सकती हैं.

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दाम घटने से ब्रिटेन को भी होगा फायदा

डाउनिंग स्ट्रीट ने अनुमान लगाया है कि भारत में स्कॉच की वार्षिक बिक्री 1 अरब तक पहुंच सकती है, जिससे स्कॉटिश डिस्टिलरीज़ और बॉटलिंग सुविधाओं में 1,000 से ज़्यादा नए रोज़गार पैदा होंगे, साथ ही ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में सालाना 19 करोड़ की वृद्धि होगी और 2040 तक द्विपक्षीय व्यापार 25.5 अरब डॉलर (34 अरब डॉलर) तक बढ़ जाएगा.

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क्या होती है Scotch Whiskey?

स्कॉच व्हिस्की बनाने के लिए पहले से इस्तेमाल किए हुए ओक बैरल का यूज किया जाता है. वहीं, अमेरिका का व्हिस्की रूल कहता है कि आपको नया यानी फ्रेश ओर बैरल ही इस्तेमाल करना है, इसीलिए अमेरिका में पहले बैरल को अंदर से रोस्ट किया जाता है ताकि व्हिस्की में अच्छा फ्लवेर आ सके. इसी को (Charred Oak Barrel) कहा जाता है. अमेरिका में जब बैरल का इस्तेमाल कर लिया जाता है तो फिर उसे स्कॉटलैंड भेज दिया जाता है क्योंकि वहां यूज किए हुए बैरल का इस्तेमाल करते हैं.  यही कारण है कि स्कॉच व्हिस्की का फ्लेवर अलग आता है. स्कॉटलैंड में बनी व्हिस्की को स्कॉच व्हिस्की कहा जाता है.

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