scorecardresearch
 

घर चोरी करने वाला गैंग... फर्जी वसीयत बनाकर करता है प्रॉपर्टी पर दावा, फिर हथिया लेता है मकान

हंगरी का एक गिरोह ब्रिटेन में सक्रिय है, जो अकेले रह रहे बुजुर्ग की मृत्यु के बाद धोखाधड़ी से असली वारिस बनकर उनके मकान पर कब्जा कर लेता है. जानते हैं आखिर कैसे वो ऐसे लोगों को निशाना बनाता है और उनके घर चोरी कर लेता है.

Advertisement
X
अकेले बुजुर्ग को निशाना बना रहे घर हड़पने वाले गिरोह (फोटो - AI जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर)
अकेले बुजुर्ग को निशाना बना रहे घर हड़पने वाले गिरोह (फोटो - AI जेनरेटेड सांकेतिक तस्वीर)

ब्रिटेन में एक ऐसा गैंग सक्रिय है जो अकेले बुजुर्ग को निशाना बनाता है, जिसके पास अपना घर हो और उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार नहीं हो. उनके साथ धोखाधड़ी कर उनके मरने के बाद इस गिरोह के सदस्य खुद को उनका वारिस घोषित कर घर के मालिक बन जाते हैं. 

यह आपराधिक गिरोह हंगरी के रहने वाले लोगों का है. इस गिरोह के लोग अकेले रहने वाले ब्रिटेनवासियों को निशाना बनाते हैं. उनके मरने के कुछ समय बाद ही उनके घरों में जालसाजी करके तथा स्वयं को असली उत्तराधिकारी बताकर उनका घर चोरी कर रहे हैं.

ब्रिटेन की लचीली प्रोबेट प्रणाली का फायदा उठा रहा है ये गैंग
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार ऐसे धोखेबाज ब्रिटेन की नरम प्रोबेट प्रणाली का फायदा उठा रहे हैं. साथ ही दिवंगत शख्स के दूर के रिश्तेदारों और करदाताओं दोनों से चोरी कर रहे हैं. प्रोबेट प्रणाली एक कानूनी और वित्तीय प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद होती है. यह विशेष रूप से व्यक्ति की वसीयत, संपत्ति और परिसंपत्तियों से संबंधित होती है. प्रोबेट एक समय लेने वाली प्रक्रिया हो सकती है और इसमें आमतौर पर अदालत में पेश होना और बहुत सारी कागजी कार्रवाई शामिल होती है.

Advertisement

फर्जी वसीयत बनाकर करते हैं संपत्ति पर दावा
यही वजह है कि इस गिरोह के धोखेबाज फर्जी कागजात और वसीयत के बल पर ऐसे अकेले लोगों का घर हड़प लेते हैं.  बीबीसी की जांच में पाया गया कि यह गिरोह ऐसे व्यक्तियों को निशाना बनाता है जिनका कोई नजदीकी रिश्तेदार नहीं होता तथा उनकी मृत्यु के बाद उनकी संपत्ति पर गलत दावा करने के लिए फर्जी वसीयत तैयार कर लेता है.

घर पर हक जमाने के बाद बेच देते हैं प्रॉपर्टी
इसके बाद वे उत्तराधिकार कर से बचने के लिए घरों से कीमती सामान निकाल कर उन्हें बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेच देते हैं. लेकिन प्रोबेट सेवा ने संदिग्ध धोखाधड़ी के मामलों की जांच करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि रिश्तेदारों को ऐसे दावों को सिविल अदालतों के माध्यम से चुनौती देनी होगी - एक ऐसी प्रक्रिया जिस पर हजारों पाउंड खर्च हो सकते हैं.

दो बहनों की चाची के साथ भी ऐसा ही हुआ 
एक ऐसे ही मामलों में दो बहनों लिसा और निकोल को पता चला कि वे अपनी दिवंगत चाची क्रिस्टीन हारवर्सन से विंबलडन में लगभग 1 मिलियन पाउंड का मकान उत्तराधिकार में पाने की हकदार हैं, जिन्हें उन्होंने बचपन से नहीं देखा था.अब  उनकी यह विरासत उन्हें नहीं मिल सकती. क्योंकि हंगरी के तामस स्ज्वरसोक ने 2016 की एक वसीयत के साथ प्रोबेट सेवा से संपर्क किया. इसमें उन्हें अपना 'प्रिय मित्र' बताया और खुद को उनका एकमात्र  लाभार्थी भी बताया.

Advertisement

हंगरी के एक शख्स ने खुद को उनका मित्र बताकर संपत्ति हथिया ली
दस्तावेज़ की बारीकी से जांच करने पर गंभीर अनियमितताएं सामने आईं. श्रीमती हार्वर्सन 2016 में घर में ही रहती थीं और उनकी देखभाल उनके पति डेनिस द्वारा की जाती थी, जिनकी 2020 में मृत्यु हो गई थी. विंबलडन संपत्ति के सह-स्वामी होने के नाते, इसे वसीयत करने के लिए श्री हार्वर्सन की सहमति आवश्यक थी. 

जांच में अनियमितता मिलने के बाद भी कुछ नहीं हो सका
इसके अलावा, वसीयत में श्री स्ज्वेरसोक के लिए दिया गया पता 2016 में मौजूद नहीं था. लिसा ने कहा कि हम वास्तव में कुछ नहीं कर सकते. मुझे यकीन है कि उन्होंने दूसरों के साथ भी ऐसा किया होगा, जो वाकई दुखद है. कुछ लोगों के पास अपने पक्ष में लड़ने के लिए रिश्तेदार नहीं होते. इसलिए ऐसे लोग मृतकों से इतना सारा पैसा कमाकर भाग रहे हैं. यह घृणित है.

ऐसे बेनाम संपत्ति पर दावा करता है गिरोह
जब कोई व्यक्ति बिना किसी ज्ञात रिश्तेदार के मर जाता है, तो उसकी संपत्ति अंततः राजकोष में चली जाती है. ऐसा होने से पहले, यह बोना वैकेंशिया नामक एक सार्वजनिक सूची में दिखाई देती है - लैटिन में इसका अर्थ है 'खाली सामान' - जिससे कोई भी व्यक्ति दावा करने के लिए आगे आ सकता है.

Advertisement

कई निजी फर्म भी तलाशते हैं उत्ताराधिकारी
निजी फर्म लंबे समय से खोए उत्तराधिकारियों की तलाश में रोजाना इस सूची को खंगालती हैं. अगर वे सफल हो जाती हैं, तो वे संपत्ति का एक हिस्सा ले लेती हैं, इस प्रक्रिया को बीबीसी टीवी की श्रृंखला हीर हंटर्स में दिखाया गया है. टोरी के पूर्व मंत्री सर बॉब नील ने कहा कि लागत कम करने के लिए प्रोबेट प्रणाली को डिजिटल बनाने से कमजोरियां पैदा हो गई हैं, जिसका फायदा अपराधी उठा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जब आपके पास क्षेत्रीय कार्यालय थे, तो आपके पास मानवीय जांच थी जो उन मामलों को पकड़ने के लिए बेहतर थी. जहां चीजें गलत थीं. एक स्वचालित प्रणाली ऐसा करने में अच्छी नहीं है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement