दुनिया की सबसे मशहूर यूनिवर्सिटी में पढ़ने का सपना लाखों स्टूडेंट देखते हैं, और उन सपनों में सबसे ऊपर आता है-हार्वर्ड, लेकिन सोचिए, अगर किस्मत आपको हार्वर्ड तक पहुंचा दे और आपको इसकी भनक तक न लगे.सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हायोसांग की कहानी कुछ ऐसी ही है.
हायोसांग जब हाई स्कूल में थे, तब उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन किया था. शुरू में उनका नाम वेटलिस्ट में आया. उन्होंने आखिरी उम्मीद के तौर पर यूनिवर्सिटी को अपील भी लिखी, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.धीरे-धीरे उन्होंने मान लिया कि शायद अब हार्वर्ड का रास्ता उनके लिए बंद हो चुका है. जिंदगी यहीं खत्म नहीं होती.यह सोचकर उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया.
जब रास्ता बदला, तो मंजिल भी बदल गई
हार्वर्ड का जवाब न आने के बाद हायोसांग ने अपने दिल की सुनी. उन्होंने गाने लिखने शुरू किए, म्यूजिक पर काम किया और देखते-देखते सिंगर बन गए.आज उनकी पहचान सोशल मीडिया पर है—इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर 1.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स, स्पॉटिफाई पर हर महीने 70 हजार से ज्यादा लोग उनके गाने सुनते हैं. साउथ कोरिया से अमेरिका तक का उनका सफर अब म्यूजिक के दम पर चल रहा है.
6 साल बाद खुला वो मेल
कहानी में असली ट्विस्ट तब आया, जब 6 साल बाद एक दिन हायोसांग अपना पुराना ईमेल इनबॉक्स साफ कर रहे थे. तभी उनकी उनकी नजर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अनरीड मेल पर पड़ी.जब उन्होंने उसे खोला, तो पता चला उन्हें हार्वर्ड में एडमिशन मिल चुका था.हायोसांग बताते हैं कि पहले उन्हें खुद पर गुस्सा आया, फिर थोड़ा दुख हुआ. लेकिन कुछ देर बाद उन्हें एहसास हुआ कि अगर उस वक्त उन्होंने वह मेल देख लिया होता, तो शायद वह आज म्यूजिशियन न होते. वह कहते हैं. ईमेल अब कुछ बदल नहीं सकता, लेकिन इस कहानी को लोगों तक पहुंचाना जरूरी लगा.
देखें हायोसांग का वो वीडियो जहां उन्होंने अपनी हार्वर्ड स्टोरी खुद सुनाई है
खोया हुआ मौका या नई शुरुआत?
हायोसांग अपने पॉडकास्ट में कहते हैं कि ज़िंदगी में हर छूटा हुआ मौका जरूरी नहीं कि नुकसान ही हो. कई बार जो रास्ता हमें बंद हुआ लगता है, वही हमें किसी दूसरी मंजिल तक पहुंचा देता है. और कभी-कभी किस्मत दरवाजा खटखटाती है, लेकिन अगर उसकी आवाज सुनाई न भी दे, तो जिंदगी रुकती नहीं.बस अपनी दिशा बदल लेती है.