पेट दर्द था… छुट्टी मांगी, लेकिन बॉस ने कहा – काम करो!” एक कंपनी में काम करने वाले कर्मचारी ने सोशल मीडिया पर अपना अनुभव शेयर किया, जिसने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. महिला ने बताया कि वो एक 25 साल पुरानी भारतीय कंपनी में मार्केटिंग कोऑर्डिनेटर की नौकरी कर रही हैं. वे महीने में मुश्किल से एक दिन ही छुट्टी ली है, फिर भी जब उन्हें पेट में तेज दर्द हुआ और उन्होंने आराम करने के लिए छुट्टी मांगी तो बॉस ने ना सिर्फ मना किया, बल्कि काम करते रहने का दबाव भी बनाया.
बॉस से महिला के पेट दर्द को किया नजरअंदाज
महिला ने लिखा-कल से मुझे पेट में बहुत दर्द हो रहा है और आज सुबह मैंने छुट्टी के लिए अपने बॉस को मैसेज किया और मुझे यह जवाब मिला. छुट्टी लेने के बावजूद वह मुझे काम करने के लिए कह रहा है. सबसे बुरी बात यह है कि मैं काम के लिए अपना खुद का लैपटॉप इस्तेमाल कर रही हूं , जबकि कंपनी को एक लैपटॉप देना होता है." महिला का वॉट्सप चैट का भी स्क्रीनशॉट शेयर किया गया, जिसमें दिख रहा है कि बॉस ने सीधे तौर पर छुट्टी को नजरअंदाज करते हुए कहा कि काम चलता रहना चाहिए. महिला ने बताया कि “ऐसा लग रहा है जैसे बॉस ये मानकर चलती है कि मैं उसकी नौकर हूं, और सैलरी भी बहुत कम देता है.”
सोशल मीडिया पर पोस्ट हो रहा वायरल
इस पोस्ट के बाद कई लोगों ने वर्कप्लेस कल्चर और बॉस के रवैये पर सवाल उठाए हैं. लोगों का कहना है कि बीमार होने पर आराम करना हक है. कंपनी अगर सम्मान नहीं दे रही, तो वहां काम करना खुद की सेहत से खिलवाड़ है. ऐसी मानसिकता में बदलाव ज़रूरी है. एक व्यक्ति ने पूछा, "पिछले 25 सालों से वह क्या कर रहा है कि उसके पास इतने कम कर्मचारी हैं? और यह जायज भी है क्योंकि यह भारत है?
एक अन्य ने टिप्पणी की, "25 साल हो गए और सिर्फ़ दो कर्मचारी? क्या उस कंपनी ने कोई विकास देखा है?" तीसरे ने कहा, "मान लीजिए कि पेट दर्द काफी बढ़ गया गया हो और आप पूरे दिन IV लगाकर अस्पताल में रहे."चौथे ने लिखा, "मैं छह कर्मचारियों वाले स्टार्टअप में कभी शामिल नहीं होऊंगा, चाहे वे कितना भी वेतन क्यों न दें.