चीन में एक ही परिवार के 11 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई. ये पूरा परिवार एक आपराधिक गिरोह संचालित करता था. इन पर मर्डर से लेकर धोखाधड़ी, देह व्यापार और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे कई संगीन अपराधों को संगठित तरीके से अंजाम देने का आरोप है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सीमा पार म्यांमार का एक आपराधिक गिरोह गई सालों से सक्रिय था. इस गिरोह का संचालन मिंग परिवार करता था. यह गिरोह धोखाधड़ी, साइबर क्राइम, ड्रग्स तस्करी, ह्युमन ट्रैफिकिंग और प्रोस्टिच्यूशन में शामिल था.
कुख्यात मिंग फैमिली की कहानी
चीन की एक अदालत ने सोमवार को म्यांमार स्थित इस कुख्यात मिंग फैमिली के 16 सदस्यों को मौत की सजा सुनाई. इन पर मर्डर धोखाधड़ी, ड्रग्स तस्करी और देह व्यापार सहित अन्य अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई है.
मर्डर से लेकर देह व्यापार और ड्रग्स तस्करी तक
सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अनुसार, अभियोजकों ने पाया कि 2015 से पूर्वी चीनी प्रांत झेजियांग में मिंग परिवार के गैंग ने म्यांमार के कोकांग क्षेत्र में अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया. इन इलाकों में कई अवैध अड्डे स्थापित किए. फिर यहां से अपने आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहे.
इन गतिविधियों में टेलीकॉम फ्रॉड, अवैध कसिनो का संचालन, ड्रग्स तस्करी, ट्रैफिकिंग और संगठित देह व्यापार शामिल था. इन अवैध धंधे से मिंग फैमिली ने करीब 10 बिलियन युआन (12 हजार करोड़ रुपये) से अधिक की राशि कमाई.
ऐसे शुरू हुआ मिंग फैंमिली का धंधा
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और उसके आसपास के इलाकों में गैम्बलिंग अवैध था. मिंग फैमिली ने इसी बात का फायदा उठाया. इन्होंने सीमा पार कई कसिनो खोले और यह मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और ट्रैफिकिंग के कई बड़े अड्डे बना लिए. इसमें काम करने के लिए लोगों को झांसा दे-देकर फंसाया गया और जिसने भी भागने की कोशिश की उसे मौत के घाट उतार दिया गया.
गैर कानूनी धंधों से की अकूत कमाई
मिंग फैमिली ने इन धंधों से 12 हजार करोड़ रुपये की अकूत संपत्ति अर्जित की. कोर्ट ने पाया कि इन अड्डों पर काम करने के लिए विदेशों से भी लोगों को पकड़ कर लाया जाता था. मिंग फैंमिली कई सारे वर्कर्स के मर्डर के लिए भी जिम्मेदार थे. इन वर्कर्स को झूठा झांसा देकर लाया जाता था. इनमें से अधिकतर चीन के नागरिक थे.
कैसे पकड़े गए मिंग फैमिली के लोग
जब मिंग फैमिली के काले धंधों के इन अड्डों से लोग भागने की कोशिश करते थे, तो इन्हें टार्चर किया जाता था या फिर मार दिया जाता था. अब सवाल ये उठता है कि मिंग फैमिली पकड़ी कैसे गई. दो साल पहले विद्रोही गुटों ने लौकाई इलाके के अड्डों पर हमला कर दिया था. य् सभी लोग चीन के थे. इस हमले के दौरान मिंग फैमिली के मुखिया की जान चली गई थी. वहीं कई सदस्य चीनी पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे.
इसके बाद से ही वेनझोउ इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट में मिंग फैमिली से जुड़े मामले की सुनवाई हो रही थी. कोर्ट में पुलिस ने बताया कि अक्टूबर 2023 में गिरोह ने अपने चीनी बंदियों पर गोलीबारी की. इसमें चार लोगों की मौत हो गई - ताकि उन्हें चीन को सौंपे जाने से रोका जा सके.
कौन था मिंग फैमिली का लीडर
मौत की सजा पाए पांच लोगों को दो साल की राहत दी गई है. इसके बाद उनकी सजा को उम्रकैद में बदला जा सकता है. बाकी 11 अभियुक्तों में, जिन्हें कोई राहत नहीं मिली, उनमें मिंग गुओपिंग, जिन्हें एमजी म्यिन शौत फ्यिन के नाम से भी जाना जाता है. इनके पिता मिंग जुएचांग एक चीनी-म्यांमार नागरिक थे और मिंग फैमिली के आपराधिक गिरोह के चीफ थे.
मिंग ज़ुएचांग म्यांमार के शान राज्य विधानमंडल के सदस्य और कोकांग नेतृत्व समिति के पूर्व सदस्य थे. नवंबर 2023 में चीनी पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद उसने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उनकी पोती मिंग झेनझेन या मा थिरी माउंग को भी सोमवार को मौत की सजा सुनाई गई.
खड़ी कर दी थी पूरी अपराध इंडस्ट्री
झेजियांग अदालत ने पहली बार फरवरी में मामले की सुनवाई की थी, जब अभियोजकों ने कहा था कि मिंग परिवार के गिरोह ने इंडस्ट्रियल प्रॉपर्टी का एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. इसमें हजारों घोटालेबाज रहते थे और अपने पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए कई तरह की स्ट्रेटजी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर स्कैम करते थे. इसमें फर्जी निवेश योजनाएं, फिशिंग घोटाले और जबरन वसूली जैसी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाता था.
म्यांमार से होता था गैंग का संचालन
अदालत ने पहले कहा था कि मिंग परिवार के गिरोह का संचालन मुख्य रूप से म्यांमार के उत्तर-पूर्वी शान राज्य के कोकांग में होता था, जो चीन के दक्षिण-पश्चिमी युन्नान प्रांत की सीमा से लगा हुआ है.
जुलाई 2023 से, चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने चीनी नागरिकों को निशाना बनाने वाले टेलीकॉम फ्रॉड पर एक राष्ट्रव्यापी कार्रवाई की गई है. इस नेटवर्क को खत्म करने के लिए चीन म्यांमार, कंबोडिया और थाईलैंड सहित अपने दक्षिण पूर्व एशियाई पड़ोसियों के साथ काम कर रहा है.
नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटा है चीन
पिछले साल दिसंबर तक, म्यांमार के अधिकारियों ने 53,000 से ज़्यादा संदिग्धों को चीन को सौंप दिया था. सीसीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन प्रयासों से कई विदेशी घोटालेबाज़ों के नेटवर्क को ध्वस्त करने और आपराधिक समूहों की गतिविधियों पर काफ़ी हद तक अंकुश लगाने में मदद मिली है.