परगट सिंह के शाब्दिक बाणों के बाद आईओए प्रमुख की प्रतिक्रिया लेने जुटे पत्रकारों से बचने के लिये भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को सोमवार को मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मदद की गुहार लगानी पड़ी.
राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष कलमाड़ी ने आरके खन्ना टेनिस परिसर को अधिकृत रूप से सौंप दिया लेकिन वह उस समय अकेले पड़ गये जब मडिया कर्मियों उन्हें घेरकर परगट सिंह के बयान पर उनकी प्रतिक्रिया मांगने लगे. परगट ने कलमाड़ी को ‘भारतीय खेलों का गंदा चेहरा’ बताया था.
पत्रकारों के सवालों की बौछारों के बीच कलमाडी ने टेनिस परिसर के दरवाजे पर लगभग भागते हुए कहा, ‘कुछ नहीं कहना है प्लीज प्लीज’ कलमाड़ी को उस समय और निराशा हाथ लगी जब उनका सरकारी वाहन परिसर के बाहर कहीं नहीं मिला और उन्हे सेंटर कोर्ट वापस आना पड़ा और वे एक बार फिर पत्रकारों के उसी सवाल के बीच फंस गये. इसी बीच उन्होंने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को देखा और उनसे मदद मांगी.
मुख्यमंत्री ने कलमाड़ी की समस्या को समझा और अपनी कार में कलमाड़ी को बैठा कर परिसर से बाहर ले गयी. हाकी इंडिया के बहुप्रतीक्षित चुनाव से दो दिन पहले कलमाड़ी के खिलाफ शाब्दिक जंग की शुरूआत करते हुए परगट ने सोमवार को कहा था कि वह भारतीय खेलों का घिनौना चेहरा हैं जिन्होंने देश में ओलंपिक आंदोलन को तबाह कर दिया है.
हाकी इंडिया के 28 जुलाई को होने वाले चुनाव में अध्यक्ष पद के दावेदार परगट ने कहा, ‘कलमाड़ी भारतीय खेलों का वीभत्स चेहरा हैं. वह ओलंपिक आंदोलन की दुहाई देते हैं लेकिन भारत में खुद उन्होंने ही इसे बर्बाद कर दिया है.’