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रॉ के बिछाए जाल में फंसा था हूजी का आतंकी

रॉ के बिछाए जाल में फंसा था हूजी का आतंकी ख्वाजा अमजद और आईएसआई को भनक नहीं लग पाई.पाकिस्तान में छुपे आतंकवादी को उसके बिल से बाहर निकालने के लिए भारत पर हमले का झांसा दिया. इस झांसे आकर आतंकवादी अब्दुल ख्वाजा खुफिया एजेंसी के जाल में फंस गया.

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हूजी का आतंकी ख्वाजा अमजद रॉ के बिछाए जाल में फंसा और आईएसआई को भनक भी नहीं लग पाई.
खुफिया एजेंसी ने पाकिस्तान में छुपे इस आतंकवादी को उसके बिल से बाहर निकालने के लिए भारत पर हमले का झांसा दिया. इस झांसे आकर अब्दुल ख्वाजा खुफिया एजेंसी के जाल में फंस गया पाकिस्तान में जाली नोटों के कारोबार का सरगना, हैदराबाद में टास्क फोर्स पर फिदायीन हमले का आरोपी और दाऊद इब्राहिम और इंडियन मुजाहिद्दीन से संबंध रखने वाला अब्दुल ख्वाजा फिलहाल भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ की गिरफ्त में है.

रॉ के लिए यह एक बड़ी कामयाबी है. क्योंकि इसकी गिरफ्तारी ठीक उस वक्त हुई है जब यह भारत में एक बड़ी साजिश को अंजाम देने वाला था. आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक तीन महीने की मशक्कत के बाद ख्वाजा भारतीय खुफिया विभाग की पकड़ में आया. साल 2005 से ही वह पाकिस्तान में छुपा बैठा था. आईएसआई की पनाह में वह कराची से अपने काले कारनामों को वो अंजाम दे रहा था.

तीन महीने पहले दो बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी से भारतीय खुफिया एजेंसी को इसका सुराग मिला. अबू बाकि और मुस्तकिन 33 लाख के जाली नोटों के साथ पकड़े गए थे. इन दोनों से पूछताछ कर खुफिया विभाग के अधिकारी बांग्लादेश में एक आतंकवादी हकीम तक पहुंचे और फिर हकीम ने ख्वाजा तक पहुंचने का रास्ता दिखाया

ख्वाजा को गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया गया. रॉ का एक एजेंट अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी बनकर ख्वाजा से जुड़ा.एजेंट ने भारत में आतंकवादी हमले का इरादा जताया. बताया गया कि हमले के लिए पैसे चाहिए और पैसे कमाने के लिए कोलंबो में जाली नोटों का रैकेट खड़ा करना था. इसके लिए रॉ एजेंट ने ख्वाजा से मदद मांगी. तीन महीनों की कोशिशों के बाद ख्वाजा रॉ एजेंट की बातों में आ गया. कोलंबो में ही उसके लिए जाल बिछाया गया और वहीं वह भारतीय खुफिया एजेंसी के हत्थे चढ़ गया. ख्वाजा से अलग अलग देशों के 3 फर्जी पासपोर्ट बरामद हुए हैं.

ख्वाजा ने खुफिया एजेंसी को भारतीय मूल के उन आतंकवादियों की जानकारी दी है जो पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे हैं. रॉ को उम्मीद है कि इसके जरिए वो आतंक के कुछ और बड़े आकाओं तक पहुंच सकते हैं.

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