scorecardresearch
 

देश में मांओं के स्वास्थ्य की स्थिति बदतर

मातृ स्वास्थ्य के मामले में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब है. दुनिया के 80 विकासशील देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत का इसमें 76वां स्थान है.

Advertisement
X

मातृ स्वास्थ्य के मामले में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब है. दुनिया के 80 विकासशील देशों में किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, भारत का इसमें 76वां स्थान है.

मातृ स्वास्थ्य के मामले में भारत को यह रैंकिंग 'सेव द चिल्ड्रेन' की रिपोर्ट में दी गई है. सर्वेक्षण में दुनिया के देशों को तीन श्रेणियों- अल्प विकसित, विकासशील एवं विकसित देशों में बांटा गया.

'सेव द चिल्ड्रेन' के कार्यकारी अधिकारी थॉमस चांडी ने कहा, 'भारत ने हालांकि मांओं का स्वास्थ्य सुधारने की दिशा में कई कदम उठाएं हैं, लेकिन महिलाओं को इसका लाभ मिलता नहीं दिख रहा.'

'सेव द चिल्ड्रेन' की 13वीं वार्षिक रिपोर्ट विभिन्न देशों में मातृ मृत्यु दर, गर्भनिरोध का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं के प्रतिशत, जन्म के समय महिलाओं की जीवन प्रत्याशा, उनकी शैक्षणिक स्थिति, गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं, प्रसव के बाद देखभाल, सरकार तथा अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी को ध्यान में रखकर तैयार की गई.

चांडी ने कहा, 'रिपोर्ट दर्शाता है कि भले ही देशभर में आधे से अधिक बच्चों का जन्म कुशल स्वास्थ्य कर्मियों की देखरेख में होता है, इसका मांओं और बच्चे के स्वास्थ्य पर गहरा असर होता है.'

Advertisement

रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य विकासशील देशों की तुलना में भारत का प्रदर्शन महिलाओं द्वारा गर्भनिरोध के इस्तेमाल और स्वच्छ पानी तक पहुंच को छोड़कर अन्य सभी मामलों में बेहद खराब रहा.

भारत में कुपोषण भी सबसे अधिक दर्ज किया गया. यहां पांच वर्ष से कम उम्र के करीब 43 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण की स्थिति दर्ज की गई.

रिपोर्ट के अनुसार, 'शिक्षा के क्षेत्र में भी भारत का प्रदर्शन खराब है और इस मामले में विकासशील देशों में यह नीचे से 10वें पायदान पर है.'

बच्चों को भोजन के मामले में बांग्लादेश तथा नेपाल की स्थिति जहां 'अच्छी' बताई गई है, वहीं अफगानिस्तान और भारत को 'संतोषजनक' और पाकिस्तान तथा वियतनाम की 'खराब' बताई गई है.

Advertisement
Advertisement