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मास्को में 5 एकड़ में बन रहा कृष्ण मंदिर

रूस में एक ओर हिन्दू व श्रीकृष्ण भक्त साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं राजधानी मास्को में श्रीकृष्ण भक्तों की 40 वर्ष पुरानी मुराद पूरी होने जा रही है.

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कृष्ण मंदिर
कृष्ण मंदिर

रूस में एक ओर हिन्दू व श्रीकृष्ण भक्त साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में गीता पर प्रतिबंध लगाने की मुहिम के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, वहीं राजधानी मास्को में श्रीकृष्ण भक्तों की 40 वर्ष पुरानी मुराद पूरी होने जा रही है.

मास्को के बाहरी इलाके में मास्को वैदिक सेंटर के नाम से मंदिर बन रहा है, जो भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होगा. इस मंदिर का निर्माण मोलझानिनोवस्की के वर्सकिनो गांव में पांच एकड़ क्षेत्र में हो रहा है.

रूस में इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्ण कांशसनेस (इस्कॉन) के अनुयायी भक्त विज्ञान गोस्वामी इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं. उन्होंने कहा इस मंदिर का निर्माण एक अन्य मंदिर के स्थान पर हो रहा है. इस्कॉन का कामकाज इसी मंदिर से होता था लेकिन वर्ष 2004 में सरकार ने इसे तोड़ दिया था, क्योंकि यह नए अपार्टमेंट के निर्माण की राह में आ रहा था.

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मास्को प्रशासन ने तोड़े गए मंदिर के बदले इस्कॉन को लेनिनग्रादस्की एवेन्यू में वैकल्पिक प्लॉट दिया, जहां से उनका काम अस्थाई तौर पर हो रहा है. मास्को वैदिक सेंटर वर्ष 2012 के अंत तक बन जाने की सम्भावना है, जिसके बाद इस्कॉन का कामकाज वहां से शुरू हो जाएगा.

मास्को में इस्कॉन के एक अनुयायी साधु प्रिया दास ने बताया कि एक ओर रूस की राजधानी हमारी मानवीय सेवाओं को स्वीकार कर रही है, वहीं देश के एक अन्य शहर में राज्य अभियोजक ने रूस में गीता पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुकदमा दायर किया है. उल्लेखनीय है कि साइबेरिया के तामस्क शहर की अदालत में गीता पर प्रतिबंध लगाने के लिए मुकदमा चल रहा है, जिस पर फैसला 28 दिसम्बर को आने वाला है.

रूस में इस्कॉन की शुरुआत 1971 में हुई. इस्कॉन के संस्थापक प्रभुपाद ने हिन्दूवाद पर सोवियत विद्वान प्रोफेसर कोटोवस्की से मिलने के लिए पांच साल तक मास्को का दौरा किया. रूसी विद्वान से उनकी बातचीत सार्थक रही. इस वक्त रूस के 80 शहरों में इस्कॉन के 50,000 से अधिक अनुयायी हैं.

इस वक्त मास्को स्थित इस्कॉन मंदिर में प्रतिदिन 1,000 श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए आते हैं, जबकि जन्माष्टमी पर उनकी संख्या 10,000 तक हो जाती है और इनमें भी अधिकतर रूसी होते हैं.

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गोस्वामी ने बताया कि मास्को में मंदिर के लिए वैकल्पिक भूमि 2006 में मिली, जब मास्को के मेयर और दिल्ली की मुख्यमंत्री के बीच इस सम्बंध में एक समझौता हुआ. एक साल बाद मास्को प्रशासन ने मास्को वैदिक सेंटर के निर्माण के लिए आवश्यक आदेश जारी कर दिए.

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