एमआरआई यानी मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging) एक अत्याधुनिक मेडिकल जांच है, जिसकी मदद से डॉक्टर शरीर के अंदरूनी अंगों की विस्तृत और स्पष्ट तस्वीरें देख सकते हैं. यह जांच खासतौर पर तब की जाती है जब एक्स-रे या सीटी स्कैन से पूरी जानकारी नहीं मिल पाती.
एमआरआई एक बहुत शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्र (magnetic field) और रेडियो तरंगों (radio waves) का इस्तेमाल करता है. इसमें किसी भी प्रकार की हानिकारक रेडिएशन (जैसे एक्स-रे) का उपयोग नहीं होता.
जब मरीज को एमआरआई मशीन में लिटाया जाता है, तो चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो वेव्स शरीर के ऊतकों और अंगों से प्रतिक्रिया करते हैं. कंप्यूटर इन प्रतिक्रियाओं को लेकर हाई-रिज़ोल्यूशन इमेज बनाता है.
एमआरआई का इस्तेमाल कई बीमारियों और स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है, जैसे- ब्रेन (मस्तिष्क)- ब्रेन ट्यूमर, स्ट्रोक, माइग्रेन, मिर्गी, मल्टीपल स्क्लेरोसिस,
रीढ़ की हड्डी और जोड़- स्लिप डिस्क, आर्थराइटिस, लिगामेंट इंजरी
दिल और रक्त नलिकाएं- दिल की संरचना, ब्लॉकेज, रक्त प्रवाह
अंग- लिवर, किडनी, यकृत, गर्भाशय, प्रोस्टेट
आंखें और कान- नसों की जांच, दृष्टि और सुनने की समस्याएं
एमआरआई जांच आमतौर पर 20 से 60 मिनट तक चलती है. समय इस पर निर्भर करता है कि शरीर के कितने हिस्सों की जांच करनी है.
भारत में एमआरआई की लागत लगभग ₹2500 से ₹10,000 तक हो सकती है.
एक शख्स की MRI मशीन में फंस जाने की वजह से मौत हो गई. वह अपनी पत्नी को एमआरआई मशीन की टेबल से नीचे उतारने वहां गया था. तभी मशीन ने उसे अंदर खींच लिया. क्योंकि शख्स के गले में मोटी सी मेटल की एक चेन थी.