चीता
चीता (Cheetah, Acinonyx jubatus) मुख्य रूप से अफ्रीका और मध्य ईरान में पाए जाने वाला जंगली जानवर है. बिल्ली प्रजाति में जीता सबसे बड़ी बिल्ली है (Cheetah Largest Cat). साथ ही, यह सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर है, जो 93 और 98 किमी प्रति घंटा की तेज रफ्तार से दौड़ सकता है (Cheetah, Fastest running Animal). इसके सिर और शरीर की लंबाई 1.1 और 1.5 मीटर (3 फीट 7 इंच और 4 फीट 11 इंच) के बीच होती है (Cheetah Length). बड़े चीते का वजन 21 से 72 किलोग्राम के बीच होता है (Cheetah Weight).
चीता तीन मुख्य समूहों में रहता है- मादा और उनके शावक, नर समूह, और एकान्त नर. मादाएं बड़े घरेलू क्षेत्रों में शिकार की तलाश में खानाबदोश जीवन जीती हैं, नर अधिक गतिहीन होते हैं. इसके बजाय बहुतायत शिकार और मादाओं तक पहुंच वाले क्षेत्रों में बहुत छोटे क्षेत्र स्थापित करते हैं (Cheetah, Three Groups). चीता दिन के दौरान सक्रिय रहता है (Cheetah Active).
यह छोटे से मध्यम आकार के शिकार पर फीड करता है, जिसका वजन ज्यादातर 40 किलोग्राम से कम होता है, और मध्यम आकार के ungulates जैसे कि इम्पाला, स्प्रिंगबोक और थॉमसन के गजेल्स को पसंद करता है. चीता आमतौर पर 60-70 मीटर के भीतर अपने शिकार को जख्मी करता है, उस पर हमला करता है, उसके गले को काटता है ताकि उसका दम घुटने से मौत हो जाए (Cheetah Food).
यह साल भर प्रजनन करता है. लगभग तीन महीने के गर्भ के बाद, आमतौर पर तीन या चार शावकों का जन्म होता है. चीता शावक अन्य बड़े मांसाहारी जैसे लकड़बग्घे और शेरों द्वारा शिकार के लिए अत्यधिक संवेदनशील होते हैं. वे लगभग चार महीने में दूध छोड़ते हैं और लगभग 20 महीने की उम्र तक स्वतंत्र होते हैं (Cheetah Cubs).
2001 में, ईरानी सरकार ने एशियाई चीता और उसके शिकार के प्राकृतिक आवास की रक्षा के लिए एशियाई चीता परियोजना (CACP) के संरक्षण पर CCF, IUCN, Panthera Corporation, UNDP और वन्यजीव संरक्षण सोसायटी के साथ सहयोग किया. 2006 में ईरान ने 31 अगस्त को राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में घोषित किया था (Iran National Cheetah Day).
सितंबर 2009 में, पर्यावरण और वन मंत्री ने भारत के वन्यजीव ट्रस्ट और भारतीय वन्यजीव संस्थान को अफ्रीकी चीतों को भारत में आयात करने की क्षमता की जांच करने के लिए सौंपा था (African Cheetahs to India). कुनो वन्यजीव अभयारण्य (Kuno Wildlife Sanctuary) और नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य (Nauradehi Wildlife Sanctuary) को उनके उच्च शिकार घनत्व के कारण चीता के लिए पुनरुत्पादन स्थलों के रूप में देखा गया था (Cheetah In India). 28 जनवरी 2020 को, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को प्रायोगिक आधार पर भारत में एक उपयुक्त आवास के लिए चीतों को बसाने की अनुमति दी, यह देखने के लिए कि क्या वे यहां के लिए अनुकूल हो सकते हैं. जुलाई 2022 में, यह घोषणा की गई थी कि आठ चीतों को नामीबिया से भारत स्थानांतरित किया जाएगा. दरअसल चीतों के विलुप्त होने के बाद भारतीय ग्रासलैंड की इकोलॉजी खराब हो रही थी. उसे ठीक करने के लिए और संतुलन बनाए रखने के लिए इसे भारत लाया जा रहा है.
International Cheetah Day: भारत में नामीबिया से आठ और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते साल 2022 में लाए गए थे. मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीतों के परिवार की संख्या अब 32 तक पहुंच चुकी है.
यह घोषणा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की बोत्सवाना यात्रा के दौरान की गई. राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर बोत्सवाना पहुंचीं. यह किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली आधिकारिक यात्रा है.
यूपी में बहराइच जिले के कतर्निया घाट वाइल्ड लाइफ के धर्मापुर रेंज में एक बाघ गन्ने के खेत में बैठा था. तभी उसी इलाके के रहने वाले ग्रामीण कार से वहां से गुजर रहे थे. वाहन को देख बाघ खेत से बाहर आ गया और कार के पीछे कभी धीमे तो कभी तेजी से दौड़ लगाने लगा.
Kuno National Park में एक हफ्ते पहले घायल अवस्था में मिली मादा चीता नभा (Savannah ) ने दम तोड़ दिया. नाभा के आगे और पीछे के पैरों में फैक्चर मिला था. चीता के शिकार के दौरान घायल होने का अंदेशा जताया गया था.
स्याहगोश एक मांसाहारी, अत्यंत शर्मीला, तेज गति से दौड़ने वाला और रात्रिचर वन्यजीव है. यह खासकर शुष्क, झाड़ीदार, पथरीले और खुले घास वाले इलाकों में पाया जाता है. भारत में यह प्रजाति अब विलुप्तप्राय श्रेणी में है और इसकी मौजूदगी बहुत दुर्लभ मानी जाती है.
नामीबिया यूरेनियम, हीरा और तांबा सहित कई खनिजों से समृद्ध देश है. यहां दुनिया में सबसे अधिक समुद्री हीरे का भंडार भी है. यह अफ्रीकी देश यूरेनियम का भी प्रमुक उत्पादक है. इसके अलावा कोबाल्ट और लिथियम जैसे मिनरल्स यहां पाए जाते हैं.
MP के श्योपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें एक युवक चीता फैमिली के साथ सेल्फी ले रहा है. इतना ही नहीं, वहां पर रील भी बना रहा है. ऐसी रील देखकर अब कूनो नेशनल पार्क की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं. क्योंकि लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर चीता ट्रैकिंग टीम क्या कर रही थी.
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता ज्वाला अपने 3 शावकों के साथ फिर रिहायशी इलाके में पहुंची. एक गाय का शिकार किया गया, ग्रामीणों में डर और वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी.
तमिलनाडु के नीलगिरी ज़िले में नडुवट्टम पुलिस स्टेशन में एक जिंदा चीता अचानक थाने के अंदर घुस आया. स्टेशन में तैनात पुलिसकर्मी सकते में आ गए, लेकिन एक कॉन्स्टेबल की सूझबूझ से सबकी जान बच गई. CCTV में रिकॉर्ड हुई इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने मानव बस्तियों में आने वाले बाघों पर रेडियो कॉलर लगाने का फैसला किया है. इसका उद्देश्य बाघों की गतिविधियों पर नजर रखना और उन्हें मुख्य वन क्षेत्र में स्थानांतरित करना है. यह कदम मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में मदद करेगा और बाघों के व्यवहार का अध्ययन करने में सहायक होगा.
Kuno National Park के डीएफओ ने कहा, "वीडियो हमारे संज्ञान में आया है और इसकी जांच चल रही है. हमने किसी स्थायी कर्मचारी को न तो सस्पेंड किया है और न ही हटाया है. यह अनुबंधित गाड़ी का ड्राइवर था, जिसे नियमों के उल्लंघन के कारण हटाया गया."
Kuno National Park: ड्राइवर सत्यनारायण गुर्जर के समर्थन में सोशल मीडिया यूजर्स और उनके समाज के लोग सामने आए. मामले ने तूल पकड़ा तो प्रबंधन ने उन्हें वापस काम पर रख लिया. वायरल वीडियो को लेकर विभागीय जांच अभी जारी है.
Kuno National Park के डीएफओ ने कहा, वीडियो हमारे संज्ञान में आया है और इसकी जांच चल रही है. हमने किसी स्थायी कर्मचारी को न तो सस्पेंड किया है और न ही हटाया है. यह अनुबंधित गाड़ी का ड्राइवर था, जिसे नियमों के उल्लंघन के कारण हटाया गया.
Kuno नेशनल पार्क में वर्तमान में कुल 26 चीते हैं. इनमें से 12 चीते खुले जंगल में स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं और अपना शिकार कर रहे हैं, जबकि शेष 14 चीते अभी बड़े बाड़ों में रखे गए हैं. पार्क के अधिकारियों का कहना है कि चीतों की बढ़ती संख्या और उनकी जंगल में मौजूदगी से पर्यटन को नई गति मिल रही है.
चीता जंगल लौटते समय आधी रात को शहर की सड़कों पर दौड़ लगाता कैमरे में कैद हुआ है. अब चीता वापस जंगल की ओर रुख कर गया है. बताया जा रहा है कि वह अब कूनो के बफर जोन में जा पहुंचा है.
MP News: कान्हा नेशनल पार्क से 18 नर और 10 मादा चीतल लाए गए और उन्हें गांधीसागर के बाड़े वाले क्षेत्र में छोड़ा गया. इसके साथ ही अब तक गांधीसागर में 434 चित्तीदार हिरण छोड़े जा चुके हैं, जिनमें 120 नर और 314 मादा हैं.
दो साल बाद भारत फिर चीते खरीदने की प्लानिंग कर रहा है. हालांकि, बताया जा रहा है कि पिछली बार की तरह इस बार चीते नामीबिया से नहीं, बल्कि किसी और देश से आ सकते हैं. ऐसे में जानते हैं कि भारत में चीते कैसे विलुप्त हुए थे? और क्यों इंदिरा गांधी को वाइल्डलाइफ हीरो कहा जाता है?
दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के बाद अब कई दूसरे देशों से चीते भारत लाने की योजना बनाई जा सकती है. एक बैठक के दौरान इस बारे में विचार-विमर्श किया गया है. जिन देशों से चीते मंगाने पर विचार किया जा रहा है, उनके नाम सोमालिया, केन्या, तंजानिया और सूडान हैं.
दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाई गई मादा चीता गामिनी ने 5 शावकों को जन्म दिया है. इस बाबत केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है. मादा चीता और उसके शावकों की तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होंने कहा, 'गामिनी की विरासत आगे बढ़ी, उसके प्यारे शावकों का परिचय'.
कूनो नेशनल पार्क से आज खुशखबरी आई है. 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाई गई माता चीता ने तीन बच्चों को जन्म दिया. इसके बाद वन विभाग की टीम बेहद खुश नजर आ रही है. इस संबंध में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जानकारी दी है.
नामीबिया और साउथ अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीतों में से अबतक 10 की मौत हो चुकी है. इन चीतों को भारत का मौसम रास नहीं आ रहा या फिर कोई और वजह है, जिनकी वजह से इनकी जान जा रही है, ये साफ नहीं हो पा रहा है.