बब्बर खालसा (Babbar Khalsa) एक उग्रवादी संगठन है जो 1978 में पंजाब, भारत में बना था. इसका मुख्य उद्देश्य खालिस्तान नामक एक स्वतंत्र सिख राष्ट्र की स्थापना करना था. इस संगठन को 1980 और 1990 के दशकों में सक्रिय आतंकवादी गतिविधियों के लिए जाना जाता है.
इसकी स्थापना फतेह सिंह और जगराज सिंह ने की थी. यह संगठन दमदमी टकसाल से भी जुड़ा हुआ माना जाता है. यह संगठन सिख कट्टरपंथी विचारधारा पर आधारित था और इसका उद्देश्य एक धार्मिक राष्ट्र स्थापित करना था. बब्बर खालसा पर कई हिंसक गतिविधियों, जैसे कि हत्याओं, बम धमाकों और अन्य आतंकवादी घटनाओं का आरोप है. इनमें 1985 का एयर इंडिया फ्लाइट 182 बम धमाका एक प्रमुख घटना थी, जिसमें 329 लोग मारे गए थे.
भारत, अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित कई देशों ने इसे आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित कर रखा है.
एनआईए ने यह भी बताया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल के विदेश में मौजूद सदस्य भारत में आतंकी नेटवर्क तैयार करने, नवीन मॉड्यूल बनाने, और भारत में हमलों की साजिश में जुटे हुए हैं. ये आतंकी और उनके सहयोगी पाकिस्तान सहित अन्य देशों में रहकर भारतीय सरजमीं पर आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.
काश पटेल अमेरिका की प्रमुख कानून प्रवर्तन एजेंसी FBI का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी हैं. उन्होंने अमेरिका में हिंसा फैलाने वालों को साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि FBI ऐसे लोगों को खोज लाएगी, चाहे वे कहीं भी छुपे हों.
कौशांबी से गिरफ्तार बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी पर बड़ी खबर है. पकड़ा गया खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह महाकुंभ में हमले की फिराक में था. यूपी के डीजीपी ने थोड़ी देर पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महाकुंभ में हमले के बाद आतंकी पुर्तगाल भागने की फिराक में था. देखें.
उत्तर प्रदेश से बब्बर खालसा का आतंकी गिरफ्तार किया गया है. यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस ने संयुक्त अभियान में इस आतंकवादी को पकड़ा. स्वर्ण सिंह नाम का ये आतंकी पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के संपर्क में था. आतंकी के पास से गोला-बारूद भी बरामद हुआ है. देखें रिपोर्ट.
आतंकी के पास से बरामदगी में 3 हथगोले, 2 डेटोनेटर, एक विदेशी पिस्तौल और 13 जिंदा कारतूस शामिल हैं. इसके अलावा उसके कब्जे से एक सफेद रंग का विस्फोटक पाउडर, गाजियाबाद के पते वाला एक आधार कार्ड, बिना सिम कार्ड वाला एक मोबाइल फोन भी जब्त किया गया.