scorecardresearch
 

Instagram पर ब्लू टिक के लिए अप्लाई किया है तो जरा संभलकर! हैक हो सकता है आपका अकाउंट

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अब एक नई दुनिया बन चुके हैं. यहां वेरिफाइड अकाउंट होने वाला मतलब एलिट क्लास वाली फीलिंग होती है. मगर कई बार लोगों को एलिट क्लास की इस फीलिंग के चक्कर में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. आपकी कुछ गलतियों का फायदा हैकर्स उठाते हैं और फिर आपका अकाउंट हैक हो सकता है. इस पूरे खेल की कहानी सिर्फ कुछ गलती क्लिक से शुरू होती है.

Advertisement
X
Instagram पर ब्लू टिक के चक्कर में हैक हो सकता है अकाउंट
Instagram पर ब्लू टिक के चक्कर में हैक हो सकता है अकाउंट

सोशल मीडिया पर वेरिफाई होना आखिर कौन नहीं चाहता. हर किसी को लगता है कि अगर इंस्टाग्राम या ट्विटर पर नाम के आगे ब्लू टिक लगा रहेगा तो आस-पास के लोगों में धौंस बनी रहेगी. शुरूआती दौर में तो ब्लू टिक के लिए सोशल मीडिया कंपनी लोगों को खुद अप्रोच करती थी, लेकिन बदलते समय के साथ कंपनियों ने इसके लिए एक पूरा सिस्टम तैयार कर दिया है. 

आज की तारीख में अगर आपको लगता है कि आपके नाम के आगे ब्लू टिक होना चाहिए तो आप सीधे जाकर इसके लिए अप्लाई कर सकते हैं. इसके बाद कंपनी आपकी प्रोफाइल रिव्यू करके बता देगी कि आप ब्लू टिक के लिए इलिजिबल हैं या फिर नहीं.

इस नए सिस्टम के आने के बाद से ही सोशल मीडिया अकाउंट्स के हैक होने का खतरा भी बढ़ा है. अगर आप ने भी इंस्टाग्राम या ट्विटर पर ब्लू टिक के लिए अप्लाई कर दिया है तो थोड़ा सावधान रहना जरूरी है. वर्ना सिर्फ एक गलती आपके अकाउंट को नुकसान पहुंचा सकती है.

कैसे होता है ब्लू टिक के नाम पर फ्रॉड?

जब आप इंस्टाग्राम पर ब्लू टिक के लिए अप्लाई करेंगे तो संभव है कि आपको इंस्टाग्राम के ही मिलते-जुलते नाम से मैसेज आए. इनमें लिखा होता है कि 'हमने आपका अकाउंट रिव्यू किया है और आप ब्लू टिक के लिए इलिजिबल हैं.' मैसेज में आगे कुछ आसान से स्टेप्स फॉलो करने की बात लिखी होती है.

Advertisement

अगर आप उस अकाउंट को चेक करेंगे तो पाएंगे कि उसके फॉलोवर लाखों में हैं. मैसेज लिखने का फॉर्मेट भी कुछ इस तरह का होगा कि अकाउंट के असली होने का भ्रम हो जाए.

आपसे दो-तीन साधारण सी जानकारी मांगने के बाद एक ईमेल एड्रेस देकर कहा जाएगा कि अपने अकाउंट में जाकर इसे अपडेट कर दीजिए. ताकि कंपनी ये प्रमाणित कर सके कि अकाउंट आपका ही है.

अब जैसे ही आप उस ईमेल एड्रेस को अपने अकाउंट में अपडेट करेंगे, इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो जाएगा. क्योंकि सामने बैठे हैकर को आपके अकाउंट का पासवर्ड रिसेट करने के लिए उसी ईमेल एड्रेस से एक जरिया मिल जाएगा. जब ये सब कुछ हो रहा होगा तो आपको पता तक नहीं चलेगा क्योंकि आपने खुद ही हैकर का ईमेल एड्रेस अपने अकाउंट में अपडेट किया था.

Insta Fraud

फिशिंग कहलाती है ये तकनीक

दरअसल, हैकिंग के इस तरीके को फिशिंग कहते हैं. फिशिंग का ये तरीका थोड़ा मॉडर्न है. इसके पहले हैकिंग करने के लिए ईमेल या मैसेज पर फेक लिंक भेजे जाते थे. लिंक ओपन करने पर किसी न किसी बहाने से आपसे पासवर्ड लेकर आपका अकाउंट हैक कर लिया जाता था.

बदलते समय के साथ लोगों में अवेयरनेस भी बढ़ी है. किसी अनजान लिंक पर क्लिक नहीं करने या पासवर्ड शेयर नहीं करने जैसी बातें लगभग हर कोई जानता है. शायद इसीलिए हैकर्स भी फिशिंग के अब नए-नए तरीके अपना रहे हैं.

Advertisement

ब्लू टिक के नाम पर मांगे जाते हैं पैसे

अकाउंट पर ब्लू टिक देने के नाम पर कई बार पैसे की डिमांड की जाती है. पैसे मांगने वाला खुद को सोशल मीडिया कंपनी से जुड़ा हुआ बताता है. आपको झांसे में लेने के लिए कई बार 100% रिफंड की गारंटी भी दी जाती है, लेकिन ये सब कुछ केवल फ्रॉड है. अगर आपसे भी कोई ब्लू टिक दिलाने के नाम पर पैसे की डिमांड करता है तो उसके झांसे में ना आएं.

ट्विटर पर भी होता है अकाउंट वेरिफिकेशन वाला फ्रॉड

ब्लू टिक के नाम पर फिशिंग या पैसे की डिमांड सिर्फ इंस्टाग्राम पर ही नहीं होती, बल्कि ट्विटर पर भी ये फ्रॉड होते रहते हैं. यहां तक कि किसी भी सोशल मीडिया अकाउंट को वेरिफाई करने के नाम पर यूजर्स को झांसे में लेना हैकर्स के लिए आसान होता है.

इंस्टाग्राम या ट्विटर क्यों नहीं लेते इन पर एक्शन?

आप सोच रहे होंगे कि आखिर जब इतना फ्रॉड हो रहा है तो आखिर इंस्टाग्राम या ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियां इस पर एक्शन क्यों नहीं लेती हैं. ऐसे फ्रॉड को रोकने के लिए इन कंपनियों की एक पूरी टीम काम करती है.

कई बार उन अकाउंट्स को बैन तक कर दिया जाता है जिन पर फिशिंग का शक होता है. लेकिन रोजाना ही ऐसे जाने कितने अकाउंट बनते और बैन होते हैं. इन्हें मैनेज करना कई बार सोशल मीडिया कंपनियों के लिए भी मुश्किल होता है.

Advertisement

इंस्टाग्राम और ट्विटर पर तो ऐसे फेक अकाउंट्स की भरमार है जो दिखने में आपको बिल्कुल ऑफिशियल लगेंगे. हालांकि फिर भी ये एक बड़ा सवाल है कि आखिर इन हैकर्स को ये कैसे पता चल जाता है कि किन लोगों ने वेरिफिकेशन के लिए अप्लाई किया है?

इन सब फ्रॉड से कैसे बचें?

जब तक इसका कोई परमानेंट समाधान नहीं आता तब तक आपको खुद ही अपने अकाउंट को सिक्योर रखना पड़ेगा. याद रखें कि इंस्टाग्राम, ट्विटर या कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आपको ब्लू टिक के लिए मेल या मैसेज नहीं करेगा. किसी कंपनी को यदि आपको अप्रोच करना भी होगा तो वो आपके ऐप में ही नोटिफिकेशन भेजेगी. 

ऐसे किसी भी मेल या मैसेज का न तो जवाब दें और न ही किसी लिंक पर क्लिक करें. अगर आपसे कोई ब्लू टिक दिलाने के लिए पैसे मांगता है तो उसे तुरंत ब्लॉक कर दें. साथ ही अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट में टू-फैक्टर ऑथेन्टिकेशन को हमेशा ऑन रखें. इन सब बातों का ध्यान रखकर आप अपने अकाउंट को सिक्योर रख सकते हैं.

Advertisement
Advertisement