WhatsApp दुनिया भर में पॉपुलर इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म है. इस प्लेटफॉर्म पर आपको कई सारे फीचर्स मिलते हैं, लेकिन इस फीचर के बदले आपको कोई फीस नहीं देनी होती है. यानी आपको ये सर्विस फ्री मिलती है. ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि आपको फ्री सर्विस देने वाले वॉट्सऐप की कमाई कैसे होती है. यानी WhatsApp पैसे कैसे कमाता है.
WhatsApp की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआत से ही ये ऐप ज्यादातर यूजर्स के लिए फ्री था. हालांकि, कुछ वक्त के लिए कंपनी ने एक सब्सक्रिप्शन प्लान पेश किया था. इसके तहत कंपनी एक डॉलर पूरे साल के लिए ले रही थी. हालांकि, फेसबुक ने जब वॉट्सऐप का अधिग्रहण किया तब ये चार्ज या फीस हटा दी गई.
अगर कमाई की बात करें, तो वॉट्सऐप यूजर्स से सीधे कोई चार्ज नहीं लेती है. यानी WhatsApp की तमाम सर्विसेस फ्री हैं. इसके लिए यूजर्स को कोई चार्ज नहीं देना होता है. हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि कंपनी पैसे नहीं कमाती है. Meta कई तरीकों से वॉट्सऐप के जरिए कमाई करती है.
कंपनियों को WhatsApp Business API इस्तेमाल करने के लिए एक चार्ज देना होता है. इस चार्ज के बदले कंपनियां कर्मचारियों से कम्युनिकेट कर सकते हैं. बड़े बिजनेसेस को API के यूज के लिए प्रति मैसेज चार्ज देना पड़ता है, खासकर मार्केटिंग, कस्टमर सर्विस और ऑटोमेटेड मैसेजिंग के लिए.
WhatsApp Payment सर्विस कुछ देशों में उपलब्ध है. भारत, ब्राजील जैसे देशों में WhatsApp पेमेंट सर्विस ऑफर करती है. फिलहाल तो भारत में कंपनी UPI बेस्ट सर्विस ऑफर करती है. इससे बिजनेसेस और यूजर्स के बीच लेनदेन आसान बन जाता है. फिलहाल इसमें कोई चार्ज नहीं लगता है, लेकिन भविष्य में कंपनी इससे रेवेन्यू बना सकती है.
हालांकि, WhatsApp पर अभी सीधे Ads नहीं दिखते हैं, लेकिन Meta की कमाई का बड़ा हिस्सा Ads ही हैं. कंपनी फेसबुक पर ऐड्स को वॉट्सऐप सर्विस से जोड़ने का मौका देती है. यानी फेसबुक पर दिख रहे ऐड्स पर एक क्लिक करके कंज्यूमर्स सीधे वॉट्सऐप पर ब्रांड से जुड़ सकते हैं.