कोरोना महामारी जब तक खत्म ना हो जाए कम से कम तब तक सोशल डिस्टेंसिंग करना न्यू नॉर्मल बन चुका है. इसे मेनटेन करने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट कोझिकोड (IIM-K) द्वारा इन्क्यूबेटेड स्टार्ट-अप ने वियरेबल डिवाइस ‘Veli Band’ को बनाया है. ये बैंड किसी दूसरे के पास आते ही अलार्म बजाने लगता है और इस तरह सोशल डिस्टेंसिंग करने में मदद करता है.
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, ये बैंड लोकेशन और कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का इस्तेमाल करता है. जोकि किसी ऑर्गेनाइजेशन को महामारी की मौजूदा स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में मदद कर सकता है. ये वेली बैंड दूसरे बैंड के तीन फीट या एक-मीटर के दायरे में आते ही पहनने वाले को जानकारी देने के लिए धीरे-धीरे वाइब्रेट करने लगता है, बजर बजाता है और LED फ्लैश करने लगता है.
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इस वियरेबल डिवाइस को Qual5 India ने डेवलप किया है. ये फीमेल लीडरशिप वाला स्टार्टअप है. इस डिवाइस को रिस्ट में पहना जाना है. ये दूसरे डिवाइसेज के साथ इंटरेक्शन का भी ट्रैक रखता है. ऐसे में ना केवल ये सेफ वर्कप्लेस मेनटेन करने में मदद करेगा. बल्कि इससे एम्पलॉयी के रियल टाइम मूवमेंट्स को भी ट्रैक किया जा सकता है.
वेली बैंड ऑमनी डायरेक्शनल है. इसमें रिचार्जेबल बैटरी है और ये डिटेक्शन के लिए ब्लूटूथ लो एनर्जी (BLE) का इस्तेमाल करता है. IIM ने दावा किया है कि इस स्टार्टअप ने MRPL IIMK LIVE सीड सपोर्ट असिस्टेंस प्रोग्राम के तहत 25 लाख रुपये की फंडिंग भी जुटाई थी.
Qual5 के को-फाउंडर्स Kiranmayee Mallepaddi और Srinivasan Arumugam ने जानकारी दी कि वेली बैंड ये बताता है कि किस बैंड/एम्पलॉयी ने तय किए गए नियमों को तोड़ा. इस इंफॉर्मेशन की मदद कोविड-19 के केसेस सामने आने पर ली जा सकती है. इस डेटा का इस्तेमाल क्राउडेड एरियाज को मॉनिटर करने के लिए भी किया जा सकता है.