भारत ने बुधवार को क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर शानदार जीत दर्ज की लेकिन इस जीत के साथ ही भारत पिच विवादों में भी घिर गया. दरअसल, सेमीफाइनल के लिए जिस नई पिच को तैयार किया गया था, मैच से ठीक पहले यह तय हुआ कि मैच दो बार इस्तेमाल हो चुकी पुरानी पिच पर ही खेला जाएगा. इसे लेकर आरोप लगने लगे कि पिच में इसलिए बदलाव किया गया ताकि भारतीय टीम की जीत हो. ऐसे आरोप लगाए गए कि भारत के स्पिन गेंदबाजों को फायदा हो, इसलिए पुराने पिच पर ही सेमीफाइनल खेला गया. हालांकि, इस आरोप को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद, ICC ने सिरे से खारिज करते हुए कहा कि टूर्नामेंट के दौरान पिच में बदलाव होता आया है और सेमीफाइनल में पिच में बदलाव की जानकारी उसे थी.
इसे लेकर पाकिस्तान के क्रिकेटरों की तरफ से भी खूब प्रतिक्रिया आ रही है और वो भारत का बचाव करते दिख रहे हैं.
'पिच से नहीं हुआ फायदा, भारत जीत का हकदार'
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर मिस्बाह उल हक ने कहा, 'पिच बहुत अच्छी थी. वनडे में जो आदर्श पिच होती हैं, वैसी ही थी. पिच न तो बिल्कुल धीमी थी और न ही इससे स्पिनरों को मदद मिल रही थी. हां, एक बात थी कि अगर कोई टीम पहले बल्लेबाजी करती, तो उसे फायदा होता. लेकिन उस फायदे को खत्म करने के लिए पिच पर घास को काटकर छोटा कर दिया गया.'
हक ने आगे कहा, 'इस वजह से दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने वाली टीम को भी वही फायदा हुआ जो भारत को हुआ. अगर न्यूजीलैंड पहले बल्लेबाजी करता तो भी बेहतर खेलने वाली टीम ही जीतती. टॉस से किसी भी टीम को फायदा नहीं हुआ.'
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर वसीम अकरम ने भी कहा है कि पिच ने किसी को फायदा नहीं पहुंचाया और भारत सेमीफाइनल में जीत का हकदार था.
'भारतीय टीम के जेहन में भी ये बात नहीं रही होगी'
वसीम अकरम ने कहा है, 'भारतीय क्रिकेट टीम के दिमाग में आने वाली ये आखिरी बात होगी. मुझे नहीं लगता कि यह उनके जेहन में भी रहा होगा. लेकिन पिच बदलने को लेकर ये विश्वसनीय खबर हो सकती है क्योंकि किसी ने इस पर बकायदा एक लेख लिखा है और उसमें एक अधिकारी के मेल का भी जिक्र किया गया है.'
पाकिस्तानी एंकर फखरे आलम ने कहा कि जिस तरह की बेहतरीन क्रिकेट भारतीय टीम खेल रही है, मुझे नहीं लगता है कि वो चाहेंगे कि इस तरह की कोई भी छेड़छाड़ हो या उन्हें इस तरह का कोई फेवर किया जाए.
वसीम अकरम ने हामी भरते हुए कहा, 'मुझे नहीं पता कि ये कौन कर रहा है क्योंकि भारतीय टीम को इस चीज की जरूरत नहीं है.'
'पिच तो दोनों टीमों के लिए एक'
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर मोइन खान ने भी इस पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "कोई भी पिच होगी तो वो दोनों टीम के लिए एक ही होगी. इस तरह की कोई पिच होती है तो टॉस मैटर करता है लेकिन टॉस कोई भी जीत सकता है. मुझे लगता है कि जो भी हुआ, वो गलत हुआ, भारतीय क्रिकेट बोर्ड को दखल नहीं देना चाहिए था. उनकी टीम खुद इतना अच्छा खेल रही है तो ऐसे गैर-जरूरी हस्तक्षेप से बचना चाहिए क्योंकि ये आईसीसी का इवेंट है. फिर भी मैं यही कहूंगा कि पिच दोनों टीम के लिए एक ही होती है.'
कैसे शुरू हुआ पिच विवाद?
डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक वानखेड़े स्टेडियम में होने वाले सेमीफाइनल के लिए पिच नंबर-7 का प्रयोग होना था, जो कि एक नई पिच है. लेकिन BCCI और ICC अधिकारियों को भेजे गए एक व्हाट्सएप मैसेज से यह बात सामने आई कि सेमीफाइनल को पिच नंबर-6 पर खेला जाएगा. इस पिच पर पहले ही दो मैच हो चुके थे जिसमें इंग्लैंड-साउथ अफ्रीका और भारत-श्रीलंका का मैच शामिल है.
हालांकि, आईसीसी ने इस पूरे विवाद को लेकर कहा है कि पिच पर बदलाव असामान्य नहीं है बल्कि पूरे टूर्नामेंट के दौरान ऐसा होता आया है.
आईसीसी ने कहा, 'पिच में बदलाव आम है और पहले भी कई बार हो चुका है. यह बदलाव हमारे मेजबान के साथ मिलकर आयोजन स्थल के क्यूरेटर की सिफारिश पर किया गया था. आईसीसी के स्वतंत्र पिच सलाहकार को बदलाव के बारे में जानकारी दी गई थी.'