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हॉकी प्रबंधन भी सुधर जाए तो हम पुराने शिखर को पा सकते हैं: अशोक कुमार

पूर्व हॉकी ओलंपियन अशोक कुमार ने कहा कि हम अपनी प्रतिभाओं के बल पर ही एशियाई ट्रॉफी जीते हैं, लेकिन अगर हॉकी प्रबंधन और सुधर जाए, तो भारतीय हॉकी अपने पुराने शिखर को पा सकती है.

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पूर्व हॉकी ओलंपियन अशोक कुमार ने कहा कि हम अपनी प्रतिभाओं के बल पर ही एशियाई ट्रॉफी जीते हैं, लेकिन अगर हॉकी प्रबंधन और सुधर जाए, तो भारतीय हॉकी अपने पुराने शिखर को पा सकती है.

एक समारोह के लिए गुना आए अशोक कुमार ने कहा, ‘हमारे पास प्रतिभाएं हैं और इसी कारण हम अभी एशियाई ट्राफी जीते हैं. थोड़ा सा यदि हॉकी प्रबंधन और सुधर जाए तो हम फिर से पुराने शिखर पर पहुंच सकते हैं.'

उन्होने कहा कि भारतीय हॉकी प्रबंधन को ध्यान रखना होगा कि वह राष्ट्रीय खेल के लिए काम कर रहा है, इतना भर सोचने से फर्क पड़ जाएगा. यदि कार्य पद्धति में बदलाव नहीं लाया जाएगा, तो खेल और खिलाड़ी दोनो पर असर पड़ेगा. मैं अब उन बातों को दोहराना नहीं चाहता हूं, जिनका प्रतिकूल असर इस खेल पर पड़ रहा है.

हॉकी के इस पूर्व धुरंधर खिलाड़ी ने कहा कि शासन स्तर पर कार्य योजना जरूर बनना चाहिए और फिर उस पर काम शुरू होना चाहिए, जैसी मध्यप्रदेश सरकार ने बनाई है. इसी तरह हर राज्य को अपने स्तर पर, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एवं ओलंपिक स्तर पर खेलने वाले खिलाड़ी को प्रोत्साहित करने की कार्य योजना बनाना चाहिए. जरूरी यह है कि यह शासन स्तर पर पहले से तय होना चाहिए.

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उन्होने कहा कि खेल संघ हर बात के लिए सरकार का मुंह ताकती हैं, अपने स्तर पर कुछ नहीं करतीं, लेकिन जब सरकारें इन संघों को अनुशासित करने के लिए दिशानिर्देश बनाती हैं, तो नाराज हो जाती हैं. यदि हमें सरकार से सहयोग लेना है, तो फिर उसकी कुछ बातें माननी होंगी. दिशानिर्देश मानने से संघों की स्वायत्तता समाप्त नहीं होगी.

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