टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कटक में 101 रनों से जीत हासिल करके मिशन टी20 वर्ल्ड कप की ठोस शुरुआत की है. बाराबती की तेज़ पिच पर मंगलवार को भारतीय गेंदबाज़ों ने शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 175 के टोटल का बेहतरीन बचाव किया और दक्षिण अफ्रीका की पूरी टीम को 74 पर ढेर कर दिया.
अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह, वरुण चक्रवर्ती, अक्षर पटेल और हार्दिक पंड्या इन सब ने मिलकर मैच को एकतरफा बना दिया. लेकिन तमाम अच्छे संदेशों के बावजूद कुछ कमियां हैं जिन्हें भारत को विश्वकप से पहले दूर करना होगा. इन कमियों में सबसे बड़ा नाम है शुभमन गिल का, जिनका टी20 में प्रदर्शन लगातार खराब रहा है.
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टॉप ऑर्डर और गिल का खराब प्रदर्शन
इस मैच में भी भारत की शुरुआत बहुत खराब रही. भारत ने सिर्फ 2.4 ओवर में 17 रन पर दो विकेट खो दिए. कप्तान और उप–कप्तान दोनों जल्दी आउट हो गए. शुभमन गिल पहले आउट हुए. कुछ देर बाद सूर्यकुमार यादव भी उसी तरह आउट हो गए और भारत मुश्किल में आ गया.
क्या शुभमन गिल इस प्रारूप के लिए सही हैं?
वैसे तो यह सवाल नया नहीं है. शुभमन गिल के टी20 ओपनर बनने के बाद से भारत की आक्रामक शुरुआत को झटका लगा है. गिल–अभिषेक की जोड़ी के साथ भारत ने 13 मैचों में सिर्फ एक बार 200 रनों का आंकड़ा पार किया है. जबकि अभिषेक–संजू सैमसन की जोड़ी के साथ भारत ने 12 मैचों में 6 बार 200 से ज़्यादा रन बनाए.
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संजू को बाहर करने से क्या मिला?
जब अभिषेक और संजू मिलकर खेल रहे थे, भारत बहुत तेजी से रन बना रहा था. फिर क्या ज़रूरत थी गिल को वापस लाकर संजू सैमसन को टीम से बाहर करने की? गिल के समर्थक कहते हैं कि टीम अब भी जीत रही है. लेकिन खेल का असली स्टाइल तो बदल गया है.
शुभमन गिल ने इस साल टी20 में एक भी अर्धशतक नहीं लगाया है. पिछली 13 पारियों में वह केवल 3 बार 30 का आंकड़ा पार कर पाए हैं. 5 बार वह 10 या उससे कम रन पर ही आउट हो गए हैं.
कैसा रहा है संजू का प्रदर्शन
संजू सैमसन ने पिछले एक साल में तीन टी20 शतक लगाए हैं. फिर भी उन्हें बाहर बैठाया गया, सिर्फ इसलिए क्योंकि गिल उप–कप्तान हैं. गिल टेस्ट और एक–दिवसीय में शानदार खिलाड़ी हैं.
पर टी20 में भारत को बहुत तेज़ और निर्भीक बल्लेबाज़ चाहिए.
क्या भारत फिर पीछे वाली सोच पर लौट रहा है?
अचानक भारत की टीम चयन की सोच 2022 की तरह लग रही है. जहां टॉप ऑर्डर धीरे खेलता था और टीम तेज़ी से रन नहीं बना पाती थी. उसी धीमे खेल की वजह से भारत सेमीफाइनल भी हार गया था. उसके बाद रोहित शर्मा ने कहा था कि भारत अब कभी पीछे नहीं रहेगा और बहुत आक्रामक क्रिकेट खेलेगा.
गंभीर और सूर्यकुमार यादव ने इस सोच को और मजबूत किया. लेकिन शुभमन को वापस खिलाना ऐसा लगता है जैसे भारत उस पुराने दौर में लौट रहा है.