भारतीय क्रिकेट टीम के लिए करुण नायर की वापसी जितनी उम्मीदों से भरी हुई थी, उतनी ही जल्दी निराशा में बदल गई. बीसीसीआई ने गुरुवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम का ऐलान किया, लेकिन इस बार करुण का नाम टीम से बाहर कर दिया गया. मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने इस फैसले के पीछे के कारणों पर खुलकर बात की और साफ किया कि नायर को मिले मौके उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे.
करीब 3000 दिनों बाद 33 साल के करुण नायर की भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हुई थी. इंग्लैंड दौरे पर उन्हें पांच में से चार टेस्ट खेलने का मौका मिला, लेकिन वे केवल 205 रन ही बना सके. उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर महज एक अर्धशतक रहा. औसत की बात करें तो उन्होंने 25.62 की मामूली औसत से रन बनाए और भारत के लिए नंबर 3 और नंबर 6 पर बल्लेबाजी की. चयनकर्ताओं को उनकी वापसी से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन लगातार नाकामी ने उनके करियर पर सवाल खड़े कर दिए.
अगरकर की खरी-खरी
टीम चयन के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजीत अगरकर ने कहा, 'सच कहूं तो हमें करुण से थोड़ा और उम्मीद थी. उन्होंने चार टेस्ट खेले और बस एक पारी की बात हो रही है. दुर्भाग्य से सबको 15-20 टेस्ट देने का मौका नहीं मिल सकता. हमें लगा कि इस समय देवदत्त पडिक्कल टीम के लिए बेहतर विकल्प साबित होंगे.'
अगरकर ने यह भी माना कि भारतीय टीम में जगह बनाए रखना बेहद मुश्किल है क्योंकि हर खिलाड़ी को सीमित मौके ही मिलते हैं. चयनकर्ताओं का मानना है कि लंबे समय तक करुण को बैकअप देना टीम के हित में नहीं होगा.
पडिक्कल को मिला भरोसा
करुण की जगह चयनकर्ताओं ने देवदत्त पडिक्कल पर भरोसा जताया है. पडिक्कल पहले भी भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे हैं और इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट खेल चुके हैं. इसके अलावा, उन्होंने इंडिया ए की ओर से लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. हाल ही में लखनऊ में ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ अनौपचारिक टेस्ट में पडिक्कल ने शानदार शतक जड़ा और अपनी क्लास का सबूत दिया. चयनकर्ताओं को लगता है कि उनकी ताज़ा फॉर्म और तकनीकी परिपक्वता टीम को आने वाले समय में फायदा पहुंचाएगी.
करुण के लिए आगे का रास्ता?
करुण नायर का टेस्ट करियर अब एक बड़े मोड़ पर खड़ा है. 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक लगाने वाले इस बल्लेबाज़ को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना गया था. लेकिन उसके बाद से उनका करियर लगातार उतार-चढ़ाव से भरा रहा. अब जबकि चयनकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि वे वर्तमान फॉर्म और प्रदर्शन पर ध्यान देंगे, करुण के लिए घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाना ही टीम इंडिया में वापसी का एकमात्र रास्ता होगा.
विंडीज सीरीज के लिए भारतीय टीम
शुभमन गिल (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, देवदत्त पडिक्कल, ध्रुव जुरेल (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा (उपकप्तान), वॉशिंगटन सुंदर, जसप्रीत बुमराह, अक्षर पटेल, नीतीश कुमार रेड्डी, एन. जगदीशन (विकेटकीपर), मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और कुलदीप यादव.