BCCI ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप की बेस प्राइस बढ़ा दी है. बाइलेटरल मैचों के लिए 3.5 करोड़ और मल्टीलैटरल टूर्नामेंट के लिए 1.5 करोड़ रुपये तय किए गए हैं. तीन साल में करीब 130 मैच होंगे, जिससे 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की उम्मीद है. Dream11 के हटने के बाद 16 सितंबर को बोली होगी.
BCCI ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नई बेस प्राइस तय किया है. अब बोर्ड को बाइलेटरल मैचों के लिए 3.5 करोड़ और मल्टीलैटरल टूर्नामेंट के लिए 1.5 करोड़ रुपये मिलेंगे. तीन साल की डील में करीब 130 मैच होंगे, जिनसे 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की उम्मीद है. Dream11 के हटने के बाद 16 सितंबर को नए स्पॉन्सर की बोली लगेगी.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नई कीमत तय की है, जो पहले के मुकाबले ज्यादा है. अभी तक टीम का स्पॉन्सर Dream11 था, लेकिन अब उससे ज्यादा रकम नए स्पॉन्सर से मांगी जा रही है.
नई तय की गई कीमत (बेस प्राइस) इस तरह है:
- 3.5 करोड़ रुपये प्रति मैच (बाइलेटरल सीरीज – यानी जब भारत सिर्फ एक देश के खिलाफ खेलता है)
- 1.5 करोड़ रुपये प्रति मैच (मल्टीलैटरल टूर्नामेंट – यानी ICC या ACC के टूर्नामेंट जैसे वर्ल्ड कप, एशिया कप)
ये रकम पहले की तुलना में थोड़ी ज्यादा है_ अभी तक BCCI को करीब 3.17 करोड़ रुपये (बिलेट्रल) और 1.12 करोड़ रुपये (मल्टीलैटरल) मिलते थे. यानी अब बोर्ड को कम से कम 10% ज्यादा पैसा मिलने का टारगेट है.
बाइलेटरल मैचों में स्पॉन्सर को ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि कंपनी का लोगो खिलाड़ियों की जर्सी के सामने (छाती पर) दिखता है. लेकिन ICC और ACC टूर्नामेंट में लोगो सिर्फ बाजू (स्लीव) पर दिखता है, इसलिए वहां वैल्यू थोड़ी कम रहती है.
BCCI तीन साल के लिए स्पॉन्सरशिप करना चाहता है. इस दौरान करीब 130 मैच खेले जाएंगे, जिनमें 2026 का T20 वर्ल्ड कप और 2027 का ODI वर्ल्ड कप भी शामिल है. इस नई बेस प्राइस के हिसाब से बोर्ड को 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हो सकती है.
बोली (bidding) 16 सितंबर को होगी. इसका मतलब है कि 9 सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप से पहले नया स्पॉन्सर नहीं जुड़ पाएगा. BCCI ने साफ किया है कि कोई अस्थायी (interim) स्पॉन्सरशिप नहीं होगी।
कौन सी कंपनियां लगाएंगी टीम इंडिया के स्पॉन्सर के लिए बोली
2 सितंबर को BCCI ने बोली लगाने के लिए नियम (Expression of Interest) जारी किए. इसके मुताबिक गेमिंग, बेटिंग, क्रिप्टो और तंबाकू कंपनियां बोली नहीं लगा सकतीं. इसके अलावा कुछ अन्य कंपनियां भी बाहर रखी गई हैं, जैसे खेल-कपड़े बनाने वाली कंपनियां, बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियां, कोल्ड ड्रिंक, पंखे, मिक्सर-ग्राइंडर, ताले और इंश्योरेंस कंपनियां. ये सब इसलिए कि इनके प्रोडक्ट पहले से ही BCCI के दूसरे स्पॉन्सर्स से जुड़े हुए हैं. Dream11 के हटने की वजह है कि हाल ही में सरकार ने Online Gaming Act 2025 बनाया है, जिसमें असली पैसे (real-money) से खेले जाने वाले गेम्स पर रोक लगा दी गई है.