सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में भारतीय टीम ने रविवार (14 सितंबर) को एशिया कप 2025 में पाकिस्तान के खिलाफ 7 विकेट से दमदार जीत हासिल की. भारतीय टीम को जीत के लिए 129 रनों का मामूली टारगेट मिला था, जिसे उसने 4 ओवर और 1 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया.
पाकिस्तान पर जीत के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने अपने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की. हालांकि गंभीर ने साफ कहा कि भारतीय टीम की तुलना टूर्नामेंट की दूसरी टीम्स से करने की जरूरत नहीं है. भारत-पाकिस्तान मैच से पहले का माहौल तनाव से भरा हुआ था. अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले में कई लोगों की जान गई थी, जिसने पूरे देश को गमगीन कर दिया. इसके बाद मई में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकियों का सफाया किया. गंभीर ने पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई और भारतीय सेना को सलाम किया.
गौतम गंभीर ने टूर्नामेंट के ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क से कहा, 'अच्छी जीत है, लेकिन अभी बहुत क्रिकेट बाकी है. सबसे अहम यह था कि एक टीम के रूप में हम पहलगाम हमले के पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने चाहते थे. साथ ही भारतीय सेना का धन्यवाद, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सफलता पाई. मुझे पूरी उम्मीद है कि हम देश को गर्व महसूस कराते रहेंगे.'
गौतम गंभीर का मानना है कि सही टीम कॉम्बिनेशन ने यह जीत दिलाई. गंभीर के मुताबिक गेंदबाजों ने शुरुआत से ही पाकिस्तान को दबाव में ला दिया और फिर बल्लेबाजों ने काम आसान कर दिया. गंभीर ने कहा, 'आप इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद नहीं कर सकते. विपक्षी टीम को 127 रनों पर रोकना आसान नहीं है. तीनों स्पिनर्स और बुमराह ने जिस तरह गेंदबाजी की, उसके बाद बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं था. शुरुआत भी बेहतरीन रही और खिलाड़ी लगातार सही दिशा में काम कर रहे हैं.'
गौतम गंभीर ने स्वीकार किया उन्होंने भी उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि ईमानदारी ही उनके लिए असली ताकत है. गंभीर कहते हैं, 'कोचिंग में अच्छे-बुरे दिन आते हैं. अहम चीज यह है कि आप ड्रेसिंग रूम में ईमानदारी से काम करें. ईमानदार लोगों के साथ रहना जरूरी है. भारतीय क्रिकेट को आगे बढ़ाने के लिए ईमानदारी बहुत जरूरी है, चाहे वह ड्रेसिंग रूम में हो, मैदान में हो या कमेंट्री बॉक्स में.'
भविष्य को देखते हुए गौतम गंभीर ने कहा कि वे इस टूर्नामेंट में दूसरी टीमों से तुलना करने में विश्वास नहीं करते और उनका फोकस सिर्फ भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों को सही ट्रांजिशन की ओर ले जाना है. गंभीर कहते हैं, 'आप सेब और संतरे की तुलना नहीं कर सकते. हर टीम अलग है. हमें बस अपने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ पर भरोसा बनाए रखना है. नतीजे आते रहेंगे.'