सितबर 2023 में भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) को पहला C295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट मिल जाएगा. भारत में भी इस विमान का निर्माण होगा. पहले 16 विमान स्पेन में बनेंगे. उसके बाद बाकी के 40 विमान को टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) बनाएगी. यह निर्माण प्रक्रिया स्पेन और भारत के बीच पार्टनरशिप के तहत होगी. टाटा इसके लिए गुजरात के वडोदरा में फैक्ट्री बना रहा है. यह फैक्ट्री 2026 तक बनकर तैयार होगी.
56 विमानों के निर्माण की डील अक्टूबर 2021 में हुई थी. यह भारत की पहली विमान बनाने की निजी कंपनी होगी. इसके पहले मिलिट्री विमानों को बनाने का काम सिर्फ हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड करती आई थी. भारतीय वायुसेना के लिए ट्रांसपोर्ट विमान बेहद जरूरी हैं. ताकि सैनिकों, हथियारों, ईंधन और हार्डवेयर को एक जगह से दूसरी जगह पहुचा सकें. इसमें C295 कम वजन के ट्रांसपोर्टेशन में मदद करेगा.

भारतीय वायुसेना के पास इस समय 9 तरह के ट्रांसपोर्ट विमान है. जिसमें सी-130जे सुपर हर्क्यूलिस और विशालकाय सी-17 ग्लोबमास्टर 3 भी शामिल हैं. फिलहाल वायुसेना के पायलट्स के पहले बैच ने इस विमान को उड़ाने की ट्रेनिंग ले ली है. दूसरे बैच के ट्रेनिंग की तैयारी चल रही है. C295 विमान इंडियन एयरफोर्स के पुराने HS748 एवरोस विमानों की जगह लेंगे. इसके अलावा यूक्रेन से आए एंतोनोव एएन-32 को बदला जाएगा.
स्पेन में प्लेन बनाना आसान, भारत में चुनौती होगी
एयरबस के लिए स्पेन में 16 विमान बनाना आसान है. क्योंकि ये उनके दशकों पुरानी फैक्ट्री में बनेंगे. एयरबस की टीम के लिए असली चुनौती ये है कि जब वो भारत की फैक्ट्री में आकर 40 विमान बनाएंगे. क्योंकि भारत की फैक्ट्री में इन 40 विमानों को बनाने की सीमा 2026 से 2031 है. भारत में सी295 प्रोग्राम के प्रमुख जॉर्ज टामारिट ने कहा कि यह पहली बार है जब किसी दूसरे देश में पूरा प्रोडक्शन करने जा रहे हैं. यह एयरबस के लिए चुनौती है.

हैदराबाद में फैब्रिकेशन, वडोदरा में असेंबलिंग
इधर, भारत में इस विमान को लेकर क्या काम हो रहा है? टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग काम काम शुरू कर दिया है. हैदराबाद फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है. वहां पर कई अन्य पार्ट्स को जमाया जाएगा. एयरफ्रेम्स के हिसाब से जोड़-तोड़ शुरू होगी. टेल से लेकर फ्यूसलेज तक. टाटा की हैदराबाद फैसिलिटी एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी. इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा.
वडोदरा में प्रत्येक सी295 विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा. जिसमें इंजन लगेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स सेट किए जाएंगे. इसके बाद उसे वायुसेना को दिया जाएगा. योजना है कि हर साल एक दर्जन विमान बनाकर वायुसेना को सौंपे जाएंगे. धीरे-धीरे विमान में इस्तेमाल होने वाले स्वदेशी पदार्थों की मात्रा बढ़ती चली जाएगी. माना जा रहा है 32वें नंबर का विमान स्वदेशी होगा. यह विमान कई एयरबेस से काम करेगा. लेकिन शुरुआती बेस वडोदरा ही होगा.

आगरा में बन रहा है क्रू ट्रेनिंग सेंटर
इस साल मार्च में इंडियन एयरफोर्स और एयरबस के अधिकारियों ने आगरा एयरबेस में सी295 क्रू ट्रेनिंग सेंटर के लिए भूमिपूजन किया था. यह सेंटर 2024 तक तैयार हो जाएगा. स्पेन में बनने वाले सी295 विमानों में कई भारतीय कंपनियों के पार्ट्स लग रहे हैं. जैसे भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का राडार और मिसाइल वॉर्निंग सिस्टम. भारत डायनेमिक्स लिमिटेड का काउंटर मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम.
8 मई 2023 को पहले विमान ने स्पेन के आकाश में उड़ान भरी थी. जबकि दूसरे एयरक्राफ्ट पर काम शुरू हुआ था. अब वह फाइनल असेंबली में है. एयरबस सात विमानों की डिलिवरी 2024 तक कर देगा. आखिरी 8 विमानों को 2025 तक देगा. इसके एक साल बाद भारत में बना सी295 विमान तैयार हो जाएगा. फिर साल 2030 तक यहीं से इन विमानों का निर्माण और सप्लाई होती रहेगी.

नौसेना, बीएसएफ और कोस्टगार्ड भी ले सकती है विमान
भारतीय नौसेना (Indian Navy) और भारतीय कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) यह चाहती है कि आखिरी के 9 विमानों को समुद्री निगरानी के हिसाब से बनाया जाए. हो सकता है कि इन विमानों के लिए बीएसएफ भी सामने आए. वह भी कुछ विमानों का ऑर्डर दे. इस फैक्ट्री के बनने और विमानों के निर्माण से भारत में निजी विमान निर्माता कंपनियों के लिए नया युग शुरू होगा. इससे तत्काल 15 हजार स्किल्ड जॉब और 10 हजार अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलेंगे.