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Karwa Chauth 2025: करवा से लेकर छन्नी तक...जानें करवा चौथ में कितनी विशेष हैं ये चीजें

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का पूजा में छन्नी, करवा और दीया बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाता है. तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ पर इन तीजों का इस्तेमाल कैसे और क्यों किया जाता है.

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करवा चौथ की पूजन विधि (Photo: Getty Image)
करवा चौथ की पूजन विधि (Photo: Getty Image)

Karwa Chauth 2025: हिंदू धर्म में करवा चौथ का दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं कठोर व्रत का पालन करती हैं. यह पर्व पति और पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है. यह त्योहार विशेष रूप से उत्तर भारत के कुछ राज्यों जैसे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है. इसके अलावा, यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि महिलाएं इस मौके पर अपने पतियों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत का पालन करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार को रखा जाएगा.

वहीं, करवा चौथ की पूजा में इस्तेमाल हुई हर चीज बहुत ही महत्वपूर्ण होती है, जिनमें सबसे विशेष दीपक, छन्नी और करवा होता है. तो चलिए जानते हैं कि क्या है इन 3 चीजों का महत्व.

करवा चौथ में दीपक का महत्व

करवा चौथ पर दीपक जलाने की परंपरा बेहद शुभ मानी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपक की रोशनी इस दिन सिर्फ जीवन में प्रकाश नहीं देती, बल्कि यह सकारात्मकता भी देती है. जब दीपक जलता है तो वह अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है, जिससे घर का वातावरण पवित्र और शांत रहता है. इसलिए करवा चौथ की पूजा में दीया जलाना सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

करवा चौथ पर करवा का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, करवा चौथ में इस्तेमाल होने वाला मिट्टी का करवा बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. मान्यताओं के अनुसार, यह करवा प्रेम, समर्पण और समृद्धि का भी प्रतीक माना जाता है. पूजा के दौरान इसमें जल भरा जाता है और देवी-देवताओं को अर्पित किया जाता है. 

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करवा चौथ पर छन्नी का महत्व

छन्नी करवा चौथ की सबसे विशेष चीज मानी जाती है. इस दिन जब चांद निकलता है तो महिलाएं इसी छलनी से पहले चांद का दीदार करती हैं और फिर अपने पति के दर्शन करती हैं. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत में छन्नी से इस प्रयोग से पति और पत्नी के बीच अटूट प्रेम का धागा बंध जाता है. 

करवा चौथ की पूजन विधि

करवा चौथ के दिन महिलाएं सबसे पहले उठकर सूर्योदय से पहले सरगी ग्रहण करें. उसके बाद, स्नानादि करके महिलाएं सास द्वारा दी गए नए वस्त्र पहनें. फिर, दोपहर में सही मुहूर्त देखकर माता चौथ और माता गौरी की पूजा करें, और सूर्यदेव को अर्घ्य दें. उसके बाद, रात में चंद्रमा की पूजा करने के बाद व्रत का पारण करें.

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