ज्योतिषशास्त्र में दांत और होंठों की बनावट का कनेक्शन किस्मत के साथ बताया जाता है. ना केवल किस्मत बल्कि इससे व्यक्ति के हाव-भाव और व्यवहार का भी पता चलता है.
दोनों होंठ समान और सुंदर- ऐसा व्यक्ति सत्यप्रिय, सुशील एवं सज्जन वृत्ति का होता है. वह कोमल शब्दों से युक्त मीठी वाणी का प्रयोग करता है. परहितकारी तथा भाग्यशाली जीवन व्यतीत करने वाला होता है.
दोनों होंठ मोटे- ऐसा व्यक्ति मुंहफट होता है. अंतरमन में कोई रहस्य छिपाकर नहीं रखता. खानपान में विशेष रुचि रखता है. पेटु जैसा होता है.
दोनों होंठ पतले- ऐसा व्यक्ति सरल चित्त होता है. संघर्ष से उन्नति करता है. ढलती आयु में हर प्रकार का सुख भोगता है.
ऊपर का होंठ भारी- ऐसा व्यक्ति प्रभावशाली होता है, स्वादिष्ट भोजन की लालसा रखता है तथा गंभीर प्रवृत्ति का होता है.
निचला होंठ भारी- अहंकारी वृत्ति का प्रतीक है. ऐसा व्यक्ति अपनी बात मनवाने के लिए कुछ भी कर सकता है. दूसरों का दुख सुनकर या देखकर आंतरिक प्रसन्नता अनुभव करता है. सहनशील नहीं होता.
रक्तिम होंठ- शौर्य, वीर्य और उत्साह के द्योतक हैं. ऐसे नर-नारी काम लालसा का भरपूर लाभ प्राप्त करते हैं. ऐश्वर्यशाली एवं धनवान होते हैं.
काले ओंठ- कपट तथा संघर्ष का प्रतीक है. ऐसे व्यक्ति मिथ्यावादी होते हैं तथा सदा दुख भोगते हैं.
पंक्तिबद्ध दांत- सौभाग्य तथा ऐश्वर्य के प्रतीक हैं. ऐसे व्यक्ति जीवन में हर प्रकार का सुख भोगते हैं. सुशील तथा सज्जन वृत्ति के होते हैं.
टेढ़े-मेढ़े दांत- संघर्ष तथा असफलता का चिह्न हैं. ऐसे व्यक्ति सत्य वक्ता नहीं होते तथा छल-कपट से जीवन निर्वाह करते हैं.
सामने के दांतों में छिद्र- जिस पुरुष के सामने के दो दांतों में छिद्र होता है वह बड़ा भाग्यशाली, बुद्धिमान, विद्वान तथा परोपकारी होता है, परंतु जिस स्त्री के दांतों में छिद्र हो वह दुर्भाग्य का सामना करती है, वैधव्य का संताप भोगती है तथा हर प्रकार से दुखी रहती है.
सामने वाले दो बड़े दांत- भाषण में प्रवीणता दर्शाते हैं. ऐसे व्यक्ति शत्रु का नाश करने वाले तथा आदर्श जीवन व्यतीत करने वाले होते हैं.
दांतों की पंक्तियां ऊपर- नीचे ठीक बैठती हों- ऐसे व्यक्ति वाक्-पटु तथा गौरवशाली होते हैं. बुद्धिमान तथा स्वार्थरहित भावना से जनसेवा करते हैं.
दांत के ऊपर एक दांत- ऐसे व्यक्ति शत्रु को परास्त करते हैं. साहसी तथा युक्तिपूर्ण होते हैं.
एक दांत दबा हुआ तथा एक उठा हुआ- किसी व्यक्ति के ऊपरी दांतों की यदि ऐसी स्थिति है तो वह संतुलित विचारों का स्थिर प्राणी होता है. दु:ख-सुख को समभाव से भोगता है और सदा विवेक से काम लेता है.
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शिशु का दांतयुक्त जन्म लेना- शिशु का दांतयुक्त जन्म लेना माता-पिता के लिए अहितकर तथा मृत्यु का सूचक माना जाता है.
शिशु का पहले ऊपरी दांत निकलना- शिशु का पहले ऊपरी दांत निकलना नाना परिवार के लिए घातक सिद्ध होता है.
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स्त्री के मध्य दांतों में छिद्र- जिस स्त्री के ऊपर के मध्य दांतों में छिद्र यानी बिरल होती है, वह वैधव्य का कष्ट भोगती है.
दांत का कटकटाना- रात को सोते समय दांतों का कटकटाना दुर्भाग्य का सूचक है.