scorecardresearch
 

गुप्त नवरात्र में घट स्थापना कर रहे हैं तो बरतें ये सावधानियां

माघ शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्र मनाई जाती है. 18 जनवरी गुरुवार से माघ नवरात्र शुरू हो रहे हैं. साल में दो गुप्त नवरात्र आते हैं. इन नवरात्रों में माँ दुर्गा , माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की पूजा , साधना करने से बहुत अच्छा फल मिलता है.

Advertisement
X
गुप्त नवरात्र में करें देवी के इन रूपों की पूजा
गुप्त नवरात्र में करें देवी के इन रूपों की पूजा

माघ शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्र मनाई जाती है. 18 जनवरी गुरुवार से माघ नवरात्र शुरू हो रहे हैं. साल में दो गुप्त नवरात्र आते हैं. इन नवरात्रों में माँ दुर्गा , माँ लक्ष्मी और माँ सरस्वती की पूजा , साधना करने से बहुत अच्छा फल मिलता है.

गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां : गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए दस महा विद्या:- 1.काली, 2.तारा, 3.त्रिपुरसुंदरी, 4.भुवनेश्वरी, 5.छिन्नमस्ता, 6.त्रिपुरभैरवी, 7.धूमावती, 8.बगलामुखी, 9.मातंगी और 10.कमला देवी की पूजा करते हैं. सभी की पूजा के अलग अलग लाभ और महत्व है. इनमें से किसी भी एक की साधना करने से वह देवी प्रसन्न होकर साधक को अपनी शक्ति देती है और सभी मनोकामना पूर्ण करती है.

 शास्त्रों अनुसार, इन दस महाविद्या में से किसी एक की नित्य पूजा अर्चना करने से लंबे समय से चली आ रही बीमार, भूत-प्रेत, अकारण ही मानहानी, बुरी घटनाएं, गृहकलह, शनि का बुरा प्रभाव, बेरोजगारी, तनाव आदि सभी तरह के संकट तत्काल ही समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति परम सुख और शांति पाता है. इन माताओं की साधना कल्प वृक्ष के समान शीघ्र फलदायक और सभी कामनाओं को पूर्ण करने में सहायक मानी गई है.

Advertisement

आराधना का यह पर्व प्रथम तिथि को घट स्थापना (कलश या छोटा मटका) से आरंभ होता है. साथ ही नौ दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योति भी जलाई जाती है. घट स्थापना करते समय यदि कुछ नियमों का पालन भी किया जाए तो और भी शुभ होता है. इन नियमों का पालन करने से माता अति प्रसन्न होती हैं.

घट स्थापना में ध्यान रखे ये जरूरी बातें-

1. ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) देवताओं की दिशा माना गया है. इसी दिशा में माता की प्रतिमा तथा घट स्थापना करना उचित रहता है.

2. माता प्रतिमा के सामने अखंड ज्योत जलाएं तो उसे आग्नेय कोण (पूर्व-दक्षिण) में रखें. पूजा करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा में रखें.

3. घट स्थापना चंदन की लकड़ी पर करें तो शुभ होता है. पूजा स्थल के आस-पास गंदगी नहीं होनी चाहिए.

4. कई लोग नवरात्रि में ध्वजा भी बदलते हैं. ध्वजा की स्थापना घर की छत पर वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) में करें.

5. पूजा स्थल के सामने थोड़ा स्थान खुला होना चाहिए, जहां बैठकर ध्यान व पाठ आदि किया जा सके.

6. घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या बाथरूम नहीं होना चाहिए. पूजा स्थल के ऊपर यदि टांड हो तो उसे साफ़-सुथरी रखें.

गुप्त नवरात्र की पूजा में ध्यान में रखें ये बातें-

Advertisement

1. घटस्थापना हमेशा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए.

2. नित्य कर्म और स्नान के बाद ध्यान करें.

3. इसके बाद पूजन स्थल से अलग एक पाटे पर लाल व सफेद कपड़ा बिछाएं.

4. इस पर अक्षत से अष्टदल बनाकर इस पर जल से भरा कलश स्थापित करें.

गुप्त नवरात्र में गोपनीय रखें अपनी मनोकामनाएं, होंगी पूरी

5. इस कलश में शतावरी जड़ी, हलकुंड, कमल गट्टे व रजत का सिक्का डालें.

6. दीप प्रज्ज्वलित कर इष्ट देव का ध्यान करें.

7. तत्पश्चात देवी मंत्र का जाप करें.

8. अब कलश के सामने गेहूं व जौ को मिट्टी के पात्र में रोंपें.

9. इस ज्वारे को माताजी का स्वरूप मानकर पूजन करें.

10. अंतिम दिन ज्वारे का विसर्जन करें.

Advertisement
Advertisement