आचार्य चाणक्य ने सुखी जीवन जीने को लेकर भी ढेर सारी बातें बताई हैं. अपनी चाणक्य नीति में उन्होंने बताया है कि हमें किन लोगों पर भरोसा नहीं करना चाहिए. उनका कहना है कि अगर इस नीति ध्यान नहीं रखा गया, तो ऐसी संभावना है कि हमारे जीवन में दिक्कतें बढ़ जाती हैं.
नदीनां शस्त्रपाणीनां नखीनां श्रृंगीणां तथा।
विश्वासो नैव कर्तव्य: स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
> आचार्य चाणक्य के इस श्लोक का मतलब है कि हमें नदियों पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि नदी का बहाव कभी तेज हो सकता है और इससे हमारे प्राणों को खतरा है.
> वे कहते हैं कि शस्त्रधारियों (arms holders) का भरोसा करना भी खतरे से भरा हो सकता है. शस्त्रधारी क्रोध आने पर कभी भी सामने वाले पर हमला कर सकता है.
> वहीं, जिन जानवरों के सींग और नाखून नुकीले हों वो भरोसा जताने वाले की जान को खतरे में डाल सकते हैं. ऐसे जानवर कभी भी नुकसान पहुंचा सकता है.
> आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरे स्वभाव की महिलाओं पर भरोसा नहीं करना चाहिए. ऐसी स्त्रियां अपना स्वार्थ पूरा कर कभी भी धोखा दे सकती हैं.
> वहीं, किसी शासकीय सेवाओं से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी पर भी भरोसा करने से आचार्य चाणक्य मना करते हैं.
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