श्रावण कृष्णपक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. श्रावण मास में श्री हरि की पूजा अत्यंत फलदायी होती है. इसका पालन करने से व्यक्ति के पापों का नाश हो जाता है. साथ ही व्यक्ति की अधोगति नहीं होती है. इस बार कामिका एकादशी बुधवार, 04 अगस्त को है.
कामिका एकादशी ज्यादा महत्वपूर्ण क्यों है?
कामिका एकादशी पर भगवान शिव और श्री विष्णु दोनों की कृपा मिलेगी. इसके अलावा सावन के बुधवार का शुभ फल भी मिलेगा. एक तरफ एकादशी के व्रत से पापों का नाश होगा. दूसरी तरफ बुधवार का संयोग होने से रुके हुए काम भी पूरे होंगे. इस दिन स्नान दान और ध्यान का अनंत गुना फल प्राप्त होगा.
इस दिन पूजा उपासना कैसे करें?
इस दिन प्रातः भगवान कृष्ण की आराधना करें. उनको पीले फूल, पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. फल भी अर्पित कर सकते हैं. इसके बाद भगवान कृष्ण का ध्यान करें तथा उनके मन्त्रों का जप करें. इस दिन भी शिव जी को जल अर्पित करें. सायंकाल पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी उत्तम होगा. इस दिन पूर्ण रूप से जलीय आहार लें अथवा फलाहार लें तो इसके श्रेष्ठ परिणाम मिलेंगे. अगर भोजन ग्रहण करना ही है तो सात्विक भोजन ही ग्रहण करें. इस दिन मन को ईश्वर में लगाएं. क्रोध न करें.असत्य न बोलें.
कामिका एकादशी का विशेष प्रयोग क्या है?
इस दिन मध्य रात्रि में उपासना जरूर करें या तो भगवद्गीता का पाठ करें या यथाशक्ति शिवपुराण का पाठ करें. इसके बाद अपनी समस्याओं के निवारण की प्रार्थना करें. आपकी हर तरह की समस्या का निवारण होगा.
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