ये हैं दुनिया के तीन सबसे बड़े स्टैच्यू, शिव की विशालकाय प्रतिमा का अनावरण भी जल्द
सुमित कुमार/aajtak.in
02 जून 2019,
अपडेटेड 12:12 AM IST
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सरदार वल्लभ भाई पटेल के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बाद अब भारत में भगवान शिव की सबसे बड़ी प्रतिमा बनाई जा रही है, जिसका काम लगभग पूरा होने वाला है. भगवान शिव की इस सबसे ऊंची मूर्ति का निर्माण राजस्थान में गणेश टेकरी के श्रीनाथद्वारा में किया जा रहा है.
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इस मूर्ति का अनावरण इस साल अगस्त तक किया जा सकता है. यह भगवान शिव की दुनिया में सबसे ऊंची मूर्ति होगी, जिसकी लंबाई 351 फीट है. यानी इसकी लंबाई दिल्ली में मौजूद कुतुब मीनार से भी ज्यादा है. कुतुब मीनार की कुल लंबाई 240 फीट है.
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ऐसा बताया जा रहा है कि भगवान शिव के हाथ में जो त्रिशूल है उसकी लंबाई 315 फीट है. इस विशालकाय मूर्ति को बनाने में करीब 22,00 टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है. मूर्ति में चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां होंगी, जिसके जरिए पर्यटक मूर्ति को देख सकेंगे.
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भगवान शिव की मूर्ति का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह बनकर तैयार हो चुका है. इस प्रोजेक्ट में पिछले चार साल से करीब 750 मजदूर काम कर रहे हैं. मूर्ति का अनावरण होते ही भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो सकती है.
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दुनिया के तीन सबसे बड़े स्टैच्यू- मौजूदा समय में भगवान शिव की सबसे बड़ी प्रतिमा नेपाल के कैलाशनाथ मंदिर में है. इस मूर्ति की ऊंचाई करीब 143 फीट है. भगवान शिव की यह प्रतिमा दुनिया के चार सबसे विशालकाय स्टैच्यू में भी शुमार होगी. स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के अलावा टेंपल बुद्धा और लेयक्युं सेक्या की प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची हैं.