scorecardresearch
 
Advertisement
धर्म

अमरनाथ यात्रा: 'हर हर महादेव' के जयकारों के साथ बाबा बर्फानी के भक्तों का पहला जत्था रवाना, देखें तस्वीरें

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 1/9

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे के बीच 5,880 से अधिक अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना किया गया. वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा में शामिल होने के लिए 1,115 महिलाओं, 31 बच्चों और 16 ट्रांसजेंडरों सहित 5,892 तीर्थयात्रियों का एक जत्था सुबह 4.30 बजे आधार शिविर से रवाना हुआ. अधिकारियों ने बताया कि इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3.31 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 2/9

अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं, आस्था और संकल्प का प्रतीक है. तस्वीर में दिख रहा है एक उत्साही श्रद्धालु जो 'हर हर महादेव' के जयघोष के साथ बर्फीले पहाड़ों की ओर बढ़ रहा है. उसके चेहरे पर भक्ति का जोश और आँखों में मोक्ष की उम्मीद झलक रही है. मान्यता है कि अमरनाथ यात्रा करने से पुराने पाप कटते हैं और आत्मा को शांति मिलती है. यही कारण है कि हर साल लाखों श्रद्धालु कठिन रास्तों और मौसम की परवाह किए बिना इस पवित्र गुफा की ओर निकल पड़ते हैं. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 3/9

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत का शुभ अवसर जब पहला जत्था पवित्र गुफा की ओर रवाना होता है. तस्वीर में एक श्रद्धालु चेहरे पर श्रद्धा, हाथों में भक्ति और मन में मोक्ष की कामना लिए बाबा बर्फानी का प्रसाद ग्रहण करते हुए नजर आ रहा है. यात्रा शुरू होने से पहले प्रसाद ग्रहण करना शिवभक्तों के लिए एक शुभ संकेत माना जाता है. यह सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि शिव से जुड़ने की भावना का प्रतीक है. (AP)

Advertisement
amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 4/9

हर साल की तरह इस बार भी अमरनाथ यात्रा श्रद्धा, आस्था और साहस का संगम बन गई है जहां हर कदम शिव के नाम है. अमरनाथ यात्रा दो प्रमुख रास्तों से होती है, एक पहलगाम के जरिए जो करीब 48 किलोमीटर लंबा है, लेकिन रास्ता अपेक्षाकृत सरल और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर होता है. दूसरा रास्ता बालटाल से है जो सिर्फ 14 किलोमीटर का है लेकिन इसमें काफी खड़ी चढ़ाई होती है जो यात्रियों की सहनशक्ति की परीक्षा लेती है. फोटो में दिख रहा नज़ारा इसी विश्वास और कठिन तपस्या का प्रतीक है. (AP)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 5/9

अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होते ही माहौल भक्ति और जोश से भर गया. तस्वीर में श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ 'हर हर महादेव' के जयघोष करते नजर आ रहे हैं. शिवभक्तों के दिल से निकलकर ये नारे पहाड़ों और घाटियों में गूंज रही है. यात्रा की शुरुआत के साथ ही श्रद्धालुओं में एक अलग ही ऊर्जा देखने को मिलती है, मानो बाबा बर्फानी खुद उन्हें बुला रहे हों. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 6/9

अमरनाथ यात्रा का ये नजारे हर साल हजारों श्रद्धालुओं की आस्था, उम्मीद और आत्मिक जुड़ाव का प्रमाण बन जाता है. चाहे रास्ता लंबा हो या कठिन, मंजिल बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा है. हर भक्त अपने सामर्थ्य और श्रद्धा के अनुसार रास्ता चुनता है लेकिन लक्ष्य स‍िर्फ मोक्ष और शिवदर्शन ही होता है. भक्तों का उत्साह और "बम बम भोले" के नारे इस पवित्र यात्रा को और भी खास बनाते हैं. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 7/9

भक्ति और आस्था का प्रतीक अमरनाथ यात्रा हर साल लाखों शिव भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन का सौभाग्य देती है. तस्वीर में दिखाई दे रहा है एक ऐसा ही पल, जहां सुरक्षा के व्यापक इंतज़ामों और बेहतर व्यवस्थाओं के बीच श्रद्धालु अपनी आस्था की डगर पर बढ़ते नजर आ रहे हैं. सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्क निगरानी में ये यात्रा अब पहले से कहीं ज्यादा सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो गई है. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 8/9

अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई 2025 से शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी. बर्फीली वादियों, कठिन राहों और ऊंचे हिमालयी पर्वतों के बीच से होकर जब श्रद्धालु गुफा तक पहुंचते हैं तो उन्हें सिर्फ शिव नहीं, शांति और मोक्ष की अनुभूति भी होती है. (PTI)

amarnath yatra first batch pilgrims devotees amarnath yatra first batch pilgrims devotees
  • 9/9

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में 'बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल' के पास का यह दृश्य अमरनाथ यात्रा की एक खूबसूरत झलक है. तस्वीर में स्थानीय लोग हाथों में स्वागत तख्तियां लिए खड़े हैं जो 'तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे' का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए बेताब नजर आ रहे हैं. यह सिर्फ मेहमाननवाजी नहीं बल्कि 'कश्मीरियत की आत्मा' है जहां हर धर्म, हर श्रद्धा का सम्मान होता है. (PTI)

Advertisement
Advertisement
Advertisement